रोडवेज प्रशासन चालक-परिचालक को अग्निकांड से बचाव का प्रशिक्षण भी नहीं देता है। नियमानुसार लाइसेंस बनने के साथ ही आग से बचाव व फस्र्ट एड से संबंधित प्रशिक्षण देना चाहिए। कैसे खोलेंआपात खिडक़ी
आपातकालीन परिस्थितियों के दौरान यात्री सुरक्षित तरीके से बाहर निकल सकें या निकाले जा सकंे, इसके लिए हर बस में आपात खिडक़ी बनाई है। नियमों के तहत इन खिड़कियों के नीचे कोई अवरोधक वस्तु या कुर्सियां नहीं होनी चाहिए। इसके विपरीत सभी बसों में खिडक़ी के पास ही कुर्सी लगाई है। कांच तोडक़र आपात खिडक़ी खोली जाती है, लेकिन बाहर दो एगंल होने के कारण यात्रियों को निकालने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
रोडवेज बस स्टैण्ड तथा बसों में धूम्रपान वर्जित होने के बावजूद किया जा रहा है।इसमें अधिकतर चालक-परिचालक भी शामिल हैं। बालोतरा में भी बस हादसे का कारण बीड़ी की चिंगारी बताया गया।
बसों में धूम्रपान करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। चालक परिचालकों को भी पाबंद करेंगे, किसी संस्था का सहयोग लेकर प्रशिक्षण दिलवाया जाएगा। यात्रियों को सभी सुविधाएं देने का हर संभव प्रयास किया जाएगा।
-पंकज वर्मा, मुख्य प्रबंधक रोडवेज डिपो, सिरोही
बसों के संचालन में नियमों की अवहलेना की जा रही है तो कार्रवाई करेंगे। चालक परिचालकों के प्रशिक्षण दिलवाया जाएगा
– मनीष शर्मा, जिला परिवहन अधिकारी, सिरोही