पहले जारी बिल में औसत 200 यूनिट भी नहीं एफसीआई निवासी उपभोक्ता नरपतसिंह ने बताया कि पिछले बिलों में औसत यूनिट काफी कम दर्शाए गए थे। मार्च 2016 में 66 यूनिट, मई में 52, जुलाई में 193, सितंबर में 60, नवंबर में 126 और जनवरी 2017 में 95 यूनिट बिजली का उपभोग दर्शाया गया। जबकि मार्च माह में अचानक डेढ़ लाख यूनिट से भी अधिक उपभोक का बिल थमाया गया है।
तो 44 हजार की पेनल्टी डिस्कॉम की ओर से जारी किए गए बिल के अनुसार उपभोक्ता को 11 लाख 99 हजार 865 रुपए का बिल थमाया गया है। यह बिल 1 मार्च को जारी किया गया है और 15 मार्च तक यह बिल भरना है। यदि यह बिल इस तारीख तक नहीं भरा जाता है तो उपभोक्ता को 44 हजार 537 रुपए की पेनल्टी के साथ उपभोक्ता को 12 लाख 44 हजार 402 रुपए का बिल भरना होगा।
मीटर जांच की कटवाई रसीद मीटर में तकनीकी गड़बड़ी की आशंका को लेकर उपभोक्ता ने करीब 3 माह पूर्व रसीद कटवाई थी। जिसके अनुसार पुराने मीटर को लेब में जांच करवाने के लिए डिस्कॉम ने जोधपुर भेज दिया था और उसकी एवज में नया मीटर भी लगा दिया था। अभी तक पुराने मीटर की रिपोर्ट नहीं आई है। इस बीच यह भारीभरकम बिल उपभोक्ता को थमा दिया गया है।
डिस्कॉम की लापरवाही उपभोक्ताओं पर भारी यह पहला मौका नहीं है जब डिस्कॉम की ओर से इस तरह की गलती की गई है। हर माह इस तरह से अधिक बिल आने पर उनमें सुधार के लिए उपभोक्ताओं की कतार डिस्कॉम कार्यालय में देखी जा सकती है।
इनका कहना तकनीकी गड़बड़ी से अधिक बिल रिलिज हो सकता है। बिल की जांच कर उपभोक्ता की यूनिट के अनुसार बिल जारी कर दिया जाएगा। – जागेंद्रसिंह, एईएन, डिस्कॉम, जालोर