जालोर। जालोर विधायक की अनुशंषा के बावजूद
भ्रष्टाचार के आरोपित नगर परिषद के सभापति भंवरलाल माली को राज्य सरकार ने सोमवार
को सभापति पद और सदस्य पद से निलंबित कर दिया है।
स्वायत्त शासन विभाग के
निदेशक पुरूषोत्तम बियाणी ने एक आदेश जारी कर बताया कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो
पाली द्वितीय की ओर से जालोर नगर परिषद के सभापति भंवरलाल माली को परिवादी
जितेेन्द्रकुमार से 35 हजार रूपए की रिश्वत मांग कर अन्य आरोपित देवेन्द्र आचार्य
को दिलवाने पर गिरफ्तार किया गया था।
उन्होंने आदेश में बताया कि मुख्य सतर्कता
आयुक्त के परिपत्र के अनुसार यदि कोई लोकसेवक भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा
ट्रेप किया जाता है, तो संबंधित लोकसेवक को तुरंत प्रभाव से निलंबित किया जाता है।
चूंकि भंवरलाल माली के जालोर नगर परिषद के सभापति पद पर बने रहने से जांच प्रभावित
होने की संभावना है। ऎसे में राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 (6) के
अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग करते हुए राज्य सरकार ने भंवरलाल माली को
जालोर नगर परिषद के सभापति एवं सदस्य पद से तुरंत प्रभाव से निलंबित किया है।
चौथी कार्रवाई
नगर परिषद के दफ्तर में भ्रष्टाचार को लेकर चार बड़ी कार्रवाई
हो चुकी है। ऎसे में सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद सरकारी दफ्तरों में रिश्वतखोरी
बंद होने का नाम नहीं ले रही है। नगर परिषद में कार्मिकों के रिश्वतखोरी को लेकर
समय-समय पर शिकायतें मिलती रहती है। नगर परिषद में निर्माण कार्यो का बिल पास करने
के एवज में कमिशन मांगने पर ठेकेदार जितेन्द्र कुमार माली ने 6 फरवरी 2014 को परिषद
अधिशासी अभियंता दीपक गुप्ता को भी एसीबी से ट्रेप करवाया था।
एक्सईएन ने ठेकेदार
से कमिशन के रूप में 20 हजार रूपए की रिश्वत ली थी। अब 19 अगस्त को सभापति भंवरलाल
माली को भी इसी ठेकेदार ने गिरफ्तार करवाया था। वहीं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की
टीम ने 28 जनवरी 2014 को नगरपरिषद कार्यालय के लिपिक रतनसिंह को तीन हजार रूपए की
रिश्वत लेते रंग हाथ गिरफ्तार किया था। इससे पूर्व भी एक पाष्ाüद को रिश्वत के
मामले में ट्रेप किया गया था।
पार्षद थे सभापति के खिलाफ
नगर परिषद में
विकास कार्य नहीं होने व लोगों की समस्याओं का निराकरण नहीं होने लेकर कई पार्षद भी
सभापति के खिलाफ थे।पार्षदों ने शहर में विकास कार्य नहीं होने पर कुछ दिन पूर्व
बैठक कर विरोध भी जताया था। वहीं जिला कलक्टर को भी इस बारे में ज्ञापन सौंपा था।
निपटाई पुरानी फाइलें
सभापति माली ने हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद कुर्सी
संभालते ही नगर परिषद की अधिकांश पेंडिंग फाइलों को निपटा दिया था। कार्मिक फाइल,
बकाया बिल व यूओ नोट लेकर सभापति के कक्ष में पहुंच गए थे। सभापति ने फाइलों,
विभिन्न बिलों, वाऊचर व चेक पर हस्ताक्षर किए।
विधायक ने सभापति के पक्ष
में की थी सिफारिश
जालोर विधायक अमृता मेघवाल ने भ्रष्टाचार के आरोप में
गिरफ्तार नगर परिषद के सभापति भंवरलाल माली को निलंबित नहीं करने की अनुशंषा की
थी।विधायक ने नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री राजपालसिंह शेखावत को पत्र
लिखकर बताया था कि नगर परिष्ाद जालोर के सभापति भंवरलाल माली को झूठा फंसाया गया
है। उन्होंने पत्र में बताया कि जब तक प्रकरण विचाराधीन है, तब तक जनहित व पार्टी
हित में सभापति की निलंबन कार्यवाही नहीं करने के आदेश जारी करवाने की मांग की थी।
विधायक की ओर से स्वायत्त शासन मंत्री को लिखे गए भ्रष्टाचार के आरोपित सभापति की
सिफारिश के इस पत्र की चर्चा शहर में जोरों पर है।
दो सितम्बर को संभाली थी
कुर्सी
भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार जालोर नगर परिषद के सभापति भंवरलाल
माली ने उच्च न्यायालय से जमानत मिलने पर सलाखों से निकलने के बाद दो सितम्बर को
दोपहर बाद फिर से कुर्सी संभाल ली थी। एसीबी की कार्रवाई के करीब चौदह दिन बाद भी
पार्टी की ओर से सभापति के निलंबन को लेकर कोई कार्रवाई नहीं होने पर शहर में
चर्चाओं का दौर जारी रहा था।
मिला आदेश
नगर परिषद के सभापति भंवरलाल
माली को सभापति व सदस्य पद से निलंबित करने का स्वायत्त शासन विभाग का आदेश मिला
है। विभाग की ओर से उन्हें तुरंत प्रभाव से सभापति व सदस्य पद से निलंबित किया गया
है।
-महेश राजपुरोहित, कार्यवाहक आयुक्त, नगर परिषद जालोर
लिखा था पत्र
मंत्रीजी को भ्रष्टाचार के मामले में पकड़े गए सभापति के प्रकरण में निष्पक्ष
जांच करवाने को लेकर पत्र लिखा था।
-अमृता मेघवाल, विधायक