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जालोर

मंच से कहा महिलाएं पूरी तरह सुरक्षित, बाहर पुलिस ने उतरवाई महिलाओं की चुन्नी!

गौरव यात्रा लेकर पहुंचीं मुख्यमंत्री ने जहां एक और मंच से कहा कि प्रदेश में महिलाएं सुरक्षित हैं, वहीं पुलिस सभा के मुख्यद्वार पर महिलाओं से काले रंग की चुन्नी तक उतरवाते रहे। मुख्यद्वार पर काले रंग की चुन्नी, काली शर्ट, बनियान और मौजे भी उतरवाए गए।

जालोरSep 02, 2018 / 03:31 pm

Jitesh kumar Rawal

jalore cm gaurav yatra

बागरा में बेरिकेडिंग पर पड़ी युवती से उतरवाई चुन्नी

बागरा. पीपाड़ में हुए पथराव के बाद सरकार सावचेत नजर आ रही है। काले झंडे दिखाकर कोई विरोध न करे इसके लिए काला कपड़ा तक सभास्थल के आसपास नहीं ले जाने दे रहे। जालोर में तीन जगह हुई सभाओं के दौरान भी यहीं नजर आया। अधिकारी इसके लिए इतने मुस्तैद रहे कि मुख्यमंत्री के आगमन से लेकर प्रस्थान तक की कालावधि में कहीं काला-काला न दिखे। शायद यह लोगों के विरोध से बचने के लिए व्यवस्था कर रखी थी, लेकिन पुलिसकर्मियों ने महिलाओं व युवतियां से चुन्नी तक उतरवा दी। गौरव यात्रा लेकर पहुंचीं मुख्यमंत्री ने जहां एक और मंच से कहा कि प्रदेश में महिलाएं सुरक्षित हैं, वहीं सभा के मुख्यद्वार पर पुलिस महिलाओं से काले रंग की चुन्नी तक उतरवाते रहे। मुख्यद्वार पर काले रंग की चुन्नी, काली शर्ट, बनियान और मौजे भी उतरवाए गए।
बागरा में आयोजित सभा के दौरान भाजपा आइटी सैल के एक पदाधिकारी से भी मौजे उतारने को कहा, लेकिन वह वापस लौटने लगा। इसके बाद दूसरे पदाधिकारी ने पुलिस अधिकारी से विनती कर मौजे उतरने से बचाए। सुरक्षा के नाम पर लोगों को पुलिस का दुव्र्यवहार झेलना पड़ा। मुख्यद्वार पर पुलिस जवानों के साथ खड़े डीएसपी दीपचंद व पांडाल में लोगों को सीआइ नाथुसिंह की बदसलुकी झेलनी पड़ी। इन पुलिस अधिकारियों ने दो टूक शब्दों में कहा कि हम लोग ऊपर के आदेश से ऐसा कर रहे हैं और ड्यूटी बजा रहे हंै, किसी को समस्या है तो आगे शिकायत कर सकते हैं। प्रोटोकॉल अधिकारी आहोर एसडीएम ने इस सम्बंध में बताया कि पुलिस फोर्स बाहर से लगाई गई है इसलिए मैं कुछ नहीं कह सकता, स्थानीय पुलिस अधिकारियों से बात कीजिए।
भीड़ बुलाई पर सुनवाई नहीं की
स्थानीय नेताओं ने भीड़ एकत्र करने के लिए लोगों को न्योता दिया था, लेकिन यहां आने के बाद न तो नेता ध्यान दे रहे थे और न कोई सुनवाई हो रही थी। आहोर विधायक मंच पर बैठे रहे, लेकिन मोबाइल तक रिसीव नहीं किया, जिससे कुछ कार्यकर्ता नाराज भी हुए। उनका कहना था कि भीड़ करने के लिए ही बुलाया, कोई बात नहीं पर हमारी सुनवाई तो करते।
इंतहा हो गई इंतजार की
बागरा में मुख्यमंत्री तय समय से करीब पांच घंटे देरी से बागरा पहुंचीं। सभा के लिए लोग सुबह ही आ गए थे इसलिए एक-एक पल काटना मुश्किल हो रहा था। अपराह्न को कई लोग वापस लौट गए। सामूहिक वाहनों में आए लोग मन मसोस कर बैठने को मजबूर रहे। आहोर से आए कलाराम व धानपुर से आए भोलाराम व सरमाराम ने बताया कि इतना इंतजार सहन नहीं होता। सुबह से लाकर बैठा दिया, अब अंदर पानी की बोतल तक नहीं ले सकते। इतनी सख्ती नहीं होनी चाहिए।
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