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जालोर

आमजन की सेहत के साथ खिलवाड़, फार्मासिस्ट की डिग्री के बिना ही बेच रहे दवाइयां

Drug Control Department: फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी कितने सतर्क हैं, इसका अंदाजा क्षेत्र में चल रहे मेडिकल स्टोर को देखकर सहज ही लगाया जा सकता है। क्षेत्र में संचालित दो दर्जन से ज्यादा मेडिकल स्टोर बिना फार्मासिस्ट के चल रहे हैं।

जालोरMay 20, 2023 / 03:57 pm

Kirti Verma

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बागोड़ा/जालोर. illegal medical stores: फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी कितने सतर्क हैं, इसका अंदाजा क्षेत्र में चल रहे मेडिकल स्टोर को देखकर सहज ही लगाया जा सकता है। क्षेत्र में संचालित दो दर्जन से ज्यादा मेडिकल स्टोर बिना फार्मासिस्ट के चल रहे हैं। वहीं अधिकांश मेडिकल स्टोर पर चिकित्सकों की पर्ची के बिना ही मरीजों को दवाएं दी जा रही है। जिसके कारण कई बार मरीजों की जान पर बन आती है। विशेषज्ञों के अनुसार बगैर फार्मासिस्ट मेडिकल स्टोर शुरू नहीं किया जा सकता। ऐसे में विभाग के ढुलमुल रवैये के कारण बगैर फार्मासिस्ट के जगह जगह दुकानें चल रही हैं। बागोड़ा क्षेत्र की बात करें तो यहां चल रही हर तीसरी दुकान बिना फार्मासिस्ट के संचालित हो रही है। जहां बिना प्रशिक्षण प्राप्त युवक मरीजों को दवा बेच रहे हैं। यह मामला औषधि नियंत्रण विभाग की जानकारी में होने के बावजूद अधिकारियों ने आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। ऐसे में यह धंधा दिनों दिन फल.फूल रहा है।

यह है नियम
किसी भी मेडिकल स्टोर पर ड्रेस कोड में फार्मासिस्ट को खुद बैठना अनिवार्य है। वहीं फार्मासिस्ट चिकित्सक की पर्ची के आधार ही दवा देने का प्रावधान है। चिकित्सक के बिना पर्ची के दवा देने व ड्रेस कोड सहित अन्य नियमों की अवहेलना करने पर मेडिकल फार्मा का लाइसेंस विभाग को निरस्त करने का अधिकार होता है। वहीं मेडिकल पर निर्धारित दवाओं की सूचीए निर्धारित दरें, प्रतिबंधित दवाएं मेडिकल स्टोर में नहीं रखने, मरीज को मेडिकल स्टोर में ड्रिप नहीं चढ़ाने सहित कई नियम तय हैं। जांच में दोषी पाए जाने पर फार्मासिस्ट का लाइसेंस निरस्त किया जा सकता है।

अधिकारी कर रहे खानापूर्ति
क्षेत्र में बड़े स्तर पर फल फूल रहा अवैध मेडिकल स्टोर का धंधा औषधि नियंत्रण विभाग के बूते से बाहर होता नजर आ रहा है। विभागीय अधिकारी क्षेत्र में अवैध मेडिकल स्टोर की जांच के नाम पर निरीक्षण के लिए दौरा जरूर करते है, लेकिन यह दौरा महज कागजी औपचारिकताओं में सिमट कर रह जाता है। गांवों में चल रहे एक ही पंजीकृत मेडिकल की आड़ में कई स्टोर खोल रखे है। वहीं इन पर किसी फार्मासिस्ट तक नहीं होता है।

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केस – एक
बागोडा उपखंड क्षेत्र के कोरी ध्वैचा में स्थित बालाजी मेडिकल स्टोर पर पहुंचे तो वहां ओमप्रकाश नाम का युवक दवाई दे रहा था। रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट के बारे में पूछा तो उसने देवेन्द्र कुमार ढाका का नाम लेते हुए कहा कि उनके नाम से लाइसेंस है। लेकिन वो बाहर गए हुए है। वहीं जब उस युवक से पुछा कि क्या उसने फार्मासिस्ट का डिप्लोमा डिग्री कर रखी है तो जवाब मिला नहीं।

केस – दो
बागोड़ा उपखंड क्षेत्र के खोखा गांव से ग्राम पंचायत जाने वाले रोड पर रामदेव मेडिकल स्टोर पर पहुंचे तो वहां पर रामचन्द्र गोदारा नामक युवक काउंटर पर बैठा था। यहां पर रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट मौजूद नहीं था। रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट के बारे में युवक से पुछने पर उसने राजेश कुमार शर्मा का नाम लेते हुए बाहर होने की बात कही। यहां पर बैठा युवक भी फार्मासिस्ट डिप्लोमाधारी नहीं था। मजे की बात यह की इसी रोड पर चार मेडिकल बिना लाइसेंस से संचालित हो रहे हैं।

केस – तीन
मोरसीम गांव में मेघवालों के चौहटे पर स्थित महादेव मेडिकल स्टोर पर भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला। यहां पर एक युवक काउंटर पर बैठकर दवाई दे रहा था जबकि एक अन्य युवक रैंक से दवाई ला रहा था जब यहां पर जाकर पुछा कि रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट कौन है तो वहां बैठे युवक ने बताया कि लाइसेंस जालोर का है

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इन गांवों में बिना लाइसेंस से चल रही मेडिकल स्टोर
उपखंड क्षेत्र के रंगाला, खोखा, छाजाला खारुआ, मोरसीम,वाटेरा, भालनी, लाखणी, जूनी बाली, नरसाणा, दामण, खोखा, जैसावास, कालेटी व दादाल समेत कई गांवों में बिना लाइसेंस से मेडिकल का संचालन किया जा रहा है। लेकिन विभाग के अधिकारी मूकदर्शक बने हुए है।


समय समय पर मेडिकल स्टोर का निरीक्षण करते हैं। फिर भी बिना लाइसेंस से मेडिकल का संचालन किया जा रहा है तो गलत है। क्षेत्र में निरीक्षण कर कार्यवाही करेंगे।
दिनेश कुमार सुथार, ड्रग कंट्रोलर, जालोर

https://youtu.be/4U7FUW1Xqls

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