सरकारी वाहन से निजी यात्रा की शिकायत पर जालोर सभापति को डीएलबी ने थमाया नोटिस
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Jalore Nagar Prishad Building
धर्मेन्द्र रामावत. जालोर. नगरपरिषद के सरकारी वाहन के दुरुपयोग की शिकायत के बाद डीएलबी डायरेक्टर एवं संयुक्त सचिव उज्ज्वल राठौड़ ने गत 22 अगस्त को सभापति भंवरलाल माली को स्पष्टीकरण नोटिस भेज कर 15 दिन में जवाब मांगा है। नोटिस में बताया गया कि 21 जून 2018 को परिषद के वाहन से की गई जालोर से जोधपुर व पुन: जोधपुर से जालोर की यात्रा का लॉगबुक में इंद्राज किया गया है। जिसकी जांच करने पर सामने आया कि सभापति ने तय किए गए मार्ग का ही लॉगबुक में इंद्राज किया है, जबकि यात्रा के प्रयोजन या उद्देश्य का कोई उल्लेख नहीं किया गया है। जबकि नियंत्रक राजस्थान स्टेट मोटर गैराज जयपुर की ओर से जारी परिपत्र के तहत यात्रा के प्रयोजन का विवरण स्पष्ट रूप से उल्लेखित करना जरूरी है। विवरण के अभाव में यह माना जाएगा कि वाहन निजी कार्य के लिए उपयोग में लिया गया है। ऐसे में डायरेक्टर ने माली को नोटिस भेजकर पंद्रह दिन में इसका जवाब मांगा है।
सभापति ने रखा यह पक्ष
इस बारे में सभापति माली का कहना है कि नगरपरिषद कार्यालय से गत सोमवार को ही उन्हें नोटिस प्राप्त हुआ है। यात्रा संबंधी आदेशों के बारे में पूरी जानकारी नहीं होने से उन्होंने शिकायत व नोटिस की प्रमाणित प्रति मांगी है। जिसका शीघ्र ही उचित जवाब भेजा जाएगा। वहीं पूर्व में आमजन की ओर से चामुण्डा माता मंदिर रोड पर उपसभापति मंजू सोलंकी के पति द्वारा आम रास्ते की सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करने की शिकायतों पर तत्कालीन आयुक्त त्रिकमदान चारण की ओर से जांच की गई थी। इस जांच रिपोर्ट में कई अनियमितताएं भी सामने आई। बाद में मामले को लम्बित रखने के लिए उपसभापति ने स्वयं उनकी पत्रावली पत्र लिखकर डीएलबी भिजवा दी। उपसभापति को लगता है कि उन्होंने (सभापति ने) इसकी शिकायत की थी। इसी व्यक्तिगत द्वेषभाव के कारण बार-बार सोलंकी शिकायतें कर रही हैं। सभापति माली का कहना है कि उपसभापति आदतन शिकायतकर्ता हैं। बोर्ड बनने से अब तक वे बार-बार शिकायतें कर शहर के विकास कार्यों में रोडा डाला रही हैं।
बाड़मेर एईएन ने की जांच
उपसभापति सोलंकी की शिकायत के आधार पर डीडीआर जोधपुर ने बाड़मेर एईएन (यांत्रिक) को इस मामले की जांच सौंपी। जिसके बाद गत 9 जुलाई को बाड़मेर एईएन कपिल पालीवाल ने डीडीआर जोधपुर को भेजी जांच रिपोर्ट में बताया कि वाहनचालक व प्रभारी मोटर गैराज जालोर ने लिखित बयान दिए कि नगरपरिषद से जारी आदेश क्रमांक 2301 दिनांक 21 जून 2018 के तहत सभापति सवेरे 8.45 बजे डीडीआर जोधपुर वाहन लेकर गए थे और उसी दिन शाम 6.30 बजे जोधपुर से जालोर के लिए रवाना हुए, लेकिन उन्हें इसके आदेश की कोई प्रति प्राप्त नहीं हुई। वाहन में व्हीकल ट्रेकिंग सिस्टम लगा होने के बावजूद प्रभारी ने रिपोर्ट डाउनलोड नहीं की। इसके अलावा वाहनचालक ने लॉगबुक में यात्रा का प्रयोजन नहीं लिखा था। इन सभी तथ्यों के आधार पर इस यात्रा को निजी यात्रा माना जा सकता है।
संस्थापन प्रभारी ने ये कहा-
जांच रिपोर्ट में संस्थापन प्रभारी का लिखित तौर पर कहना था कि ये आदेश तत्कालीन आयुक्त शिकेश कांकरिया ने खुद के स्तर पर जारी किए थे। जिसकी संस्थापन शाखा में ना तो कई प्रति उपलब्ध कराई गई और ना ही संस्थापन अनुभाग की ओर से इस बारे में कोई टिप्पणी की गई थी।
इनका कहना…
मुझे नोटिस सोमवार को ही कार्यालय से प्राप्त हुआ है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत डीडीआर जोधपुर से चर्चा को लेकर विभागीय आदेशों के तहत यात्रा की थी। जिसके तत्कालीन आयुक्त शिकेश कांकरिया ने आदेश भी जारी किए थे। लॉग बुक में यात्रा का प्रयोजन लिखना वाहनचालक का कार्य है। यह कार्य मेरा नहीं है। नोटिस का जवाब शीघ्र ही भेजा जाएगा।
– भंवरलाल माली, सभापति, नगरपरिषद जालोर
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