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जालोर

दीक्षार्थी आजाद कुमार बने मुनि पुष्पदन्त विजय

– भांडवपुर में जैनाचार्य की निश्रा में दीक्षार्थी आजाद ने किया संयम पथ अंगीकार

जालोरFeb 15, 2020 / 10:31 am

Khushal Singh Bati

- भांडवपुर में जैनाचार्य की निश्रा में दीक्षार्थी आजाद ने किया संयम पथ अंगीकार

– भांडवपुर में जैनाचार्य की निश्रा में दीक्षार्थी आजाद ने किया संयम पथ अंगीकार

सायला. भाण्डवपुर जैन महातीर्थ में गुरुवार को दीक्षार्थी आजाद कुमार जैन ने सांसारिक मोहमाया का त्याग कर संयम पथ को अंगीकार किया। जिनका नामकरण मुनि पुष्पदन्त विजय किया गया। वहीं इस मौके जीवाणा जैन संघ द्वारा नवनिर्मित श्री वर्धमान राजेन्द्र द्वार का उद्घाटन भी हर्षोल्लापूर्वक किया गया। इस अवसर पर जयन्तसेनसूरीश्वर के पट्टधर भाण्डवपुर तीर्थोद्धारक सूरीमंत्र आराधक आचार्यदेव जयरत्नसूरीश्वर महाराज एवं साध्वी सूर्यकिरणा श्रीजी आदि श्रमण-श्रमणिवृंद के सान्निध्य में सवेरे 7:00 बजे से स्नात्र पूजा प्रारंभ की गई। वहीं जैनाचार्य द्वारा समवरण में विराजित अरिहन्त परमात्मा के सम्मुख क्रिया करवाई गई। इसके बाद वर्तमान गच्छाधिपति नित्यसेनसूरीश्वर के साम्राज्य एवं वर्तमान आचार्य जयरत्नसूरीश्वर के शिष्य के रूप में मुनि पुष्पदन्त विजय नाम घोषित किया गया। इस दौरान विविध लाभार्थिओं ने पात्रा, ठवणी, पोथी, नवकारवाली, डांडा-डंडासण आदि उपकरण को शृंगारित किया गया। वहीं इस मौके शाह पृथ्वीराज पारसमलजी गुलेच्छा परिवार जीवाणा द्वारा प्रात:कालीन नवकारशी, शंखेश्वर पाश्र्वनाथ राजेन्द्र जैन श्वेताम्बर संघ जीवाणा द्वारा दोपहर नवकारशी एवं शाह भंवरलाल मेघराज छत्रियावोरा सुराणा द्वारा सायं नवकारशी का लाभ लिया गया। वहीं दोपहर में श्री राजेन्द्रसूरी अष्टप्रकारी पूजा के लाभार्थी शाह जुगराज शिवराज बागरेचा परिवार जीवाणा एवं अंगरचना के लाभार्थी कान्तादेवी बाबूलालजी, पुखराजबाई रमाकांताजी बांसवाड़ा का पेढ़ी की ओर से बहुमान किया गया। साथ ही जीवाणा जैनसंघ सदस्यों को अभिनंदन-पत्र प्रदान कर बहुमान किया गया। इस दौरान बडी संख्या में जैन समाज के लोग मौजूद थे।
वर्धमान राजेन्द्र द्वार का हुआ उद्घाटन
नवनिर्मित श्री वर्धमान राजेन्द्र द्वार के उद्घाटन के लिए जीवाणा जैन संघ सदस्यों का सवेरे से ही सजधज कर कार्यक्रम स्थल पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। जो सुसज्जित हाथी, रथ, बग्गी में सवार होकर नूतन निर्मित द्वार पर पहुंचे। जहां गहुंली कर सर्वप्रथम भगवान महावीर गौतम स्वामी एवं राजेन्द्रसूरी के तस्वीर का प्रवेश करवाया गया। इसके बाद जैनाचार्य जयरत्नसूरी सहित चतुर्विध संघ का प्रवेश कर द्वार का उद्घाटन किया गया। अन्त में सभी का तिलक कर संघपूजन प्रभावना वितरित की गई।

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