मनोरंजन तक सिमटा
कभी तिलवाड़ा मेले के बाद दूसरे सबसे बड़े पशु मेला के रूप में विख्यात इस मेला का अस्तित्व हर एक साल कम ही होते जा रहा है। अब यह पशु मेला मनोरंजन तक ही सिमट कर रह गया है। अन्य पशुओं की संख्या मेला में अब नहीं के बराबर देखी जाती है।
पशु घुडदौड़ आज
मेला सह संयोजक भाणाराम बोहरा ने बताया कि पशु चयन व रंग रूप प्रतियोगिता शुक्रवार को प्रात: 9 बजेे होगी। घुड़ दौड एवं ऊंट दौड प्रतियोगिता का आयोजन भी होगा। दांत वर्ग में बैलों की जोड़ी, कांकरेज नस्ल, नागौरी नस्ल के बैलों की भी प्रतियोगिताएं होगी।