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जालोर

नियमों की पेंचदगियों के चलते कई होनहार बालिकाओं को नहीं मिलती स्कूटी

उच्च शिक्षा में मुख्यमंत्री मेधावी छात्रा स्कूटी योजना में बालिकाओं के स्कूटी मिलने की राह नहीं आसान,

जालोरSep 08, 2018 / 10:46 am

Khushal Singh Bati

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Due to the sculptures of rules, many promising girls do not get the scooty

तुलसाराम माली
भीनमाल. प्रदेशभर में सरकार बालिकाओं को उच्च शिक्षा में प्रोत्साहन के लिए कई योजनाएं चला रही है, लेकिन यह योजनाएं नियमों की पेचदगियों में अटक रही है। नियमों की अड़चन की वजह से पिछले कई साल से दर्जनों होनहार बालिकाओं के स्कूटी से वंचित हो रही है। उच्च शिक्षा निदेशालय के मेधावी छात्रा स्कूटी योजना के नियम ऐसे है कि कक्षा 9 से 12 तक राजकीय विद्यालय में अध्ययन करने वाली बालिका को ही मेधावी छात्रा योजना के तहत स्कूटी दी जाती है। ऐसे में दर्जनों कमजोर तबके की बालिकाओं के 8 0 प्रतिशत से अधिक अंक होने के बाद भी उन्हें स्कूटी से वंचित हो रही है। दरअसल, सरकार की ओर से बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन के लिए कक्षा 9 में अध्ययनरत बालिकाओं को साईकिल वितरण की जाती है। इसके अलावा उच्च शिक्षा में मेधावी छात्रा योजना के तहत जनरल व ओबीसी, एससी व एसटी वर्ग की छात्राओं को कक्षा 12 वीं 75 प्रतिशत से अंक प्राप्त करने पर स्कूटी दी जानी है। दरअसल, सरकार की ओर से 3 साल पूर्व मुख्यमंत्री मेधावी छात्रा स्कूटी योजना शुरू की थी, जिसके तहत 75 प्रतिशत से अधिक अंक लेने वाली सामान्य, ओबीसी, एससी व एसटी वर्ग की बालिकाओं को स्कूटी प्रदान की जाती है।
तीन साल पूर्व ही शुरू की थी
जीके गोवाणी राजकीय महाविद्यालय में दमामी कुमारी 79 प्रतिशत, चेतना शर्मा के 8 0 प्रतिशत, ममता माली 91, हीना कुमारी 78 , काजल कंवर 8 0, खूश्बू के 76 , निकीता के 78 प्रतिशत अंक होने के बाद भी यह छात्राएं मेधावी छात्रा स्कूटी योजना में स्कूटी से वंचित है।
एसबीसी वर्ग को छूट, शेष को नहीं राहत
उच्च शिक्षा विभाग में देवनारायण छात्रा स्कूटी योजना के तहत 50 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाली एसबीसी वर्ग की छात्रा के लिए इस योजना के निजी विद्यालय में अध्ययन की कोई शर्त नहीं है। इस योजना के तहत इस वर्ग की बालिकाओं को निजी विद्यालय में अध्ययन की छूट है। जबकि ओबीसी, एससी व एसटी वर्ग की बालिकाएं के आवेदन इस योजना में नहीं लिए जाते है।
निजी विद्यालय में भी पढ़ती है बालिकाएं
कई होनहार बालिकाएं अध्ययन में अव्वल रहती है। अभिभावकों की भी चाहत रहती है, उनकी बेटी उच्च शिक्षा प्राप्त करे। ऐसे में अभिभावक उन्हें नजदीक के ही निजी विद्यालय में अध्ययन करवाते है, ऐसे में कई कमजोर तबके की होनहार बालिकाएं उच्च शिक्षा में प्रवेश के दौरान उन्हें मेधावी छात्रा योजना के तहत स्कूटी से वंचित किया जाता है।
राजकीय विद्यालय में अध्ययन जरूरी
& मेधावी छात्रा स्कूटी योजना के तहत कक्षा 9 से 12 तक राजकीय विद्यालय में अध्ययन करने वाली छात्रा ही पात्र है। जबकि देवनारायण छात्रा स्कूटी योजना में 50 प्रतिशत से अधिक अंक वाली छात्रा को स्कूटी दी जाती है।
डॉ. नितीन राज, कार्यवाहक प्राचार्य, जीके गोवाणी राजकीय महाविद्यालय-भीनमाल

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