भीनमाल. यहां रीको औद्योगिक क्षेत्र के उद्यमी सालों से विद्युत कटौती का दंश का झेल रहा है। बार-बार बिजली गुल होने की समस्या के चलते उद्यमियों के हाल बेहाल हो रखे है। डिस्कॉम ने उद्यमियों को सुविधा देने के लिए यहां पर 33 केवी सब ग्रिडस्टेशन का निर्माण तो करवाया, लेकिन यह जीएसएस तीन साल से ग्रामीण क्षेत्र की 30 किलोमीटर लम्बी विद्युत लाइन पर चल रहा है। ऐसे में उद्यमियों को इस जीएसएस का कोई फायदा नहीं मिल रहा है।
फॉल्ट व विद्युत भार बढऩे से बार-बार बिजली कटौती का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा ईकाइयों में पर्याप्त वॉल्टेज नहीं मिलने से उद्योगों की मशीने खराब हो जाती हैं। खासकर आइस उद्योग को बिजली गुल होने से आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। बार-बार विद्युत फॉल्ट के चलते उद्योगों को निर्बाध रूप से बिजली आपूर्ति नहीं मिल पा रही है। उद्यमियों का कहना हंै कि कई बार दिनभर विद्युत आपूर्ति बंद रहती है। ऐसे में श्रमिकों के भी
रोजगार पर संकट खड़ा हो जाता है। उद्योगों को निर्बाध रूप से बिजली मिलने पर उद्यमियों को खासी राहत मिल सकती है।
पिछड़ रहा उद्योगसुविधाएं नहीं होने से यहां उत्पादन होने वाले माल की लागत बढ़ जाती है। ऐसे में रीको में उत्पादन होने वाले माल की लागत बढ़ जाती है। प्रतिस्पद्र्र्धा के दौर में यहां के उद्यमी अन्य प्रोडेक्टों से पिछड़ जाते हैं।
डालनी पड़ेगी भूमिगत लाइनउधर, डिस्कॉम के अधिकारियों का कहना हैं कि रीको के 33 केवी जीएसएस के लिए नई विद्युत लाइन खिंची जानी है। बीच में समदड़ी-भीलड़ी रेल ट्रेक होने के नीचे से भूमिगत विद्युत लाइन डाली जानी है। इसके लिए डिमांड भी रेलवे में जमा करवा दिया है। कुछ तकनीकी उलझनों में अभी तक रेलवे लाइन के नीचे से भूमिगत विद्युत लाइन डालने के लिए स्वीकृति नहीं मिली है।
नहीं हो रहा समाधानरीको का 33 केवी जीएसएस करीब 30 किलोमीटर लम्बी राजपुरा लाइन से जुड़ा है। इस लाइन पर करीब चार जीएसएस चलते हैं। इससे बार-बार फॉल्ट आते हंै।लम्बी लाइन में फॉल्ट ढूंढने में देरी होने पर रीको में घंटों बिजली गुल रहती है। रीको व्यापार संघ के अध्यक्ष रमेश राठी का कहना है कि रीको जीएसएस के लिए अलग से विद्युत लाइन खींचने के लिए कई बार जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा है, लेकिन समस्या समाधान नहीं हो रहा है।
उद्योग हो रहा चौपटउद्यमियों को बार-बार विद्युत फॉल्ट के चलते खासी दिक्कतें उठानी पड़ती है। हाल यह है कि कई बार क्षेत्र में चार-पांच घंटे तक बिजली गुल रहने से आइस्क्रीम व बर्फ पिघल जाती है। ऐसे में उद्यमियों को हजारों रुपए का डीजल जलाकर जनरेटर चलाना पड़ता है।
स्वीकृति नहीं मिली…रीको जीएसएस के लिए नई विद्युत लाइन खिंचनी है। बीच में समदड़ी-भीलड़ी रेलवे ट्रेक होने से भूमिगत विद्युत लाइन खिंचने में समस्या आ रही है। डिस्कॉम ने रेलवे को डिमाण्ड जमा करवा दिया है। रेलवे की तकनीकी टीम ने निरीक्षण नहीं किया है इसलिए स्वीकृति भी नहीं मिली है।
-रमेश सेठ, अधिशाषी अभियंता, डिस्कॉम, भीनमाल
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