scriptबेटी का दर्द समझा, अब हर बेसहारा का सहारा बनने की कोशिश | Explained the pain of daughter, now try to be a helper of every destit | Patrika News
जालोर

बेटी का दर्द समझा, अब हर बेसहारा का सहारा बनने की कोशिश

को संबंल प्रदान करने का कार्य किया है। बैंक सेवा से करीब 3 साल पूर्व सेवानिवृत्त हुए कैलाशचंद्र शर्मा की पुत्री मिंटू शर्मा दिव्यांग है और उसकी शादी हो चुकी है।

जालोरMay 05, 2019 / 11:31 am

Khushal Singh Bati

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को संबंल प्रदान करने का कार्य किया है। बैंक सेवा से करीब 3 साल पूर्व सेवानिवृत्त हुए कैलाशचंद्र शर्मा की पुत्री मिंटू शर्मा दिव्यांग है और उसकी शादी हो चुकी है।

जालोर. बेटी दिव्यांग थी और उसकी परेशानियों को एक पिता ने नजदीक से देखा। बेटी की शादी हो चुकी है, लेकिन इस दर्द को समझते हुए इस व्यक्ति ने जरुरत मंदों को संबंल प्रदान करने का कार्य किया है। बैंक सेवा से करीब 3 साल पूर्व सेवानिवृत्त हुए कैलाशचंद्र शर्मा की पुत्री मिंटू शर्मा दिव्यांग है और उसकी शादी हो चुकी है। लेकिन इस पायदान तक शर्मा ने अनेक कष्ट देखे और उसकी दिक्कतों को समझा। इन हालातों को देखकर उनका यह जज्बा और प्रभावी हुआ और समाजसेवा की भावना से शर्मा पिछले पांच साल से जरुरत मंदों की सहायता कर रहे हैं। चूंकि स्वयं बैंक से सेवानिवृत्त है तो वे जरुरत मंदों, जिनमें मुख्य रूप से असहायक लोग, विधवा महिलाएं है। उनको सरकारी योजनाओं से लाभान्वित करवाने के लिए उनके कागजी कार्यों में सहयोग करते हैं। पिछले 5 साल में 15 से अधिक लोगों को इस तरह से शर्मा सहयोग प्रदान कर चुके हैं, जिसके बाद उन्हें किसी न किसी सरकारी योजना का लाभ प्राप्त हुआ। हाल ही में जालोर निवासी विधवा मंजू माली को सरकारी योजनाओं की जानकारी और उनके दस्तावेज तैयार करवाकर प्रोसेस में लाने में दिक्कत आ रही थी। जिस पर शर्मा के सहयोग से दस्तावेज तैयार करवाने के बाद अब मंजू को जीवन ज्योति बीमा क्लेम से 2 लाख रुपए, पालनहार से 9 हजार रुपए और विधवा पेंशन स्वीकृत हो चुकी है। इसी तरह पूर्व में शर्मा ने कमलादेवी शर्मा को विधवा पेंशन, जालोर निवासी ऊजी घांची को पालनहार योजना के लिए सहयोग दिया।
जरुरत मंद की सहायता का प्रयास
दिव्यांग बेटी को अनेक कष्ट हुए इसलिए मन में इच्छा थी कि जरुरतमंदों की सहायता की जाए। सेवानिवृत्ति के बाद मुख्य रूप से महिलाएं और विधवा महिलाओं को सरकारी योजनाओं से लाभान्वित करवाने के लिए दस्तावेज प्रक्रिया में सहयोग कर रहा हूं। महिलाओं को इस प्रोसेस में खासी दिक्कत आती है। इस प्रक्रिया में मैं पूरी तरह से सहयोग करता हूं।
– कैलाशचंद्र शर्मा.
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