पहले खरीफ से रखा वंचित, अब रबी के लिए पड़ रहे लाले
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चितलवाना. किसानों को रबी की बुवाई के लिए भले ही साहुकारों का दरवाजा खटखटाना पड़ रहा हो, लेकिन सहकारिता विभाग की ओर से अब तक ऋण के लिए कोई गाइड लाइन जारी नहीं की गई है। रबी की बुवाई का समय शुरू होने के साथ ही किसानों ने खेतों में बुवाई शुरू कर दी है, लेकिन सहकारिता विभाग की ओर से किसानों को दिए जाने वाले फसली ऋण का कोई अता-पता तक नहीं है। ऐसे में किसानों को रबी की बुवाई के लिए सेठ-साहुकारों से उधार लेना पड़ रहा है। गौरतलब है कि खरीफ 2018 में पहली बार ऑनलाइन प्रक्रिया के दौरान भी आवेदन करने के बावजूद कुछेक किसानों को छोड़कर बाकी को इससे वंचित रखा गया था। ऐसे में किसानों को फसली ऋण नहीं मिलने से उन्हें ऊंचे ब्याज पर ऋण लेना पड़ रहा है।
6 सोसायटी, खरीफ में शून्य ऋण
दी जालोर कॉपरेटिव बैंक चितलवाना की सहकारी समिति हाड़ेचा, वरणवा, सेसावा, रणोदर, भवातड़ा व केरिया में खरीफ 2019 में किसानों को ऋण बंटा तक नहीं है। किसानों को ऑनलाइन आवेदन करने के बाद भी ऋण से वंचित रहना पड़ रहा है।
नहर पर रबी की बुवाई शुरू
नर्मदा नहर में पानी छोडऩे के बाद किसानों ने खेतों को तैयार कर बुवाई शुरू कर दी है। वहीं खेतों को खड़ाई-जुताई करने व बीज लाने के किए किसानों को सहकारिता विभाग से ऋण मिलता है, लेकिन समय पर ऋण नहीं मिलने से कई किसानों को बुवाई से वंचित रहना पड़ रहा है।
इनका कहना…
किसानों को रबी की बुवाई को लेकर सोसायटी से ऋण नहीं मिल रहा है। ऐसे में सेठ-साहुकारों के पास से अधिक ब्याज पर ऋण लेना पड़ रहा है।
– भंवरसिंह राजपुरोहित, काश्तकार
खरीफ में कई सोसायटी ने ऋण नहीं बांटा है। वहीं रबी की बुवाई के लिए ऋण को लेकर अब तक कोई गाइड लाइन नहीं आई है।
– कनकराज, ऋण पर्यवेक्षक, चितलवाना
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