उम्मीद की किरण बन रहे आदेश
बताया जा रहा है कि बीमा विवरण में त्रुटियां होने से किसानों को क्लेम का भुगतान नहीं मिल पाया है। इसके बाद से किसान लड़ाई भी लड़ रहे हैं, लेकिन बैंक या बीमा कंपनी कोई उनका भुगतान करने को तैयार नहीं है। ऐसे में कृषि आयुक्तालय से जारी हुए ये आदेश किसानों के लिए उम्मीद की किरण बन रहे हंै।
अटका पड़ा है 444 किसानों का क्लेम
इस आदेश के तहत जालोर के आहोर तहसील क्षेत्रके करीब साढ़े चार सौ किसानों को भुगतान दिया जाएगा। अनुमानित तौर पर यह राशि करीब सवा करोड़ रुपए है। बताया जा रहा है कि इन गांवों का पटवार हल्का गलत इंद्राज होने से पूरा बीमा क्लेम नहीं मिल पाया। माना जा रहा है कि किसानों का करीब 75 प्रतिशत क्लेम भुगतान बकाया है।
भुगतान करने से बंैक ने जताई असमर्थता
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना खरीफ-2017 के तहत बीमा क्लेम से वंचित किसानों को राहत देने के लिए कृषि आयुक्तालय से लगभग दो माह पहलेइस तरह के आदेश जारी हो चुके हैं। उधर, भारी-भरकम क्लेम राशि का भुगतान करने से सेंट्रल को-ऑपरेटिव बंैक ने भी असमर्थता जताई है। ऐसे में बैंक ने न्यायालय की शरण ली है। अधिकारी बताते हंै कि कृषि आयुक्तालय की ओर से एक तरफा निर्णय लिया है। क्लेम का भुगतान बीमा कंपनी ही कर सकती है।
इसलिए वंचित रह गए क्लेम से
बताया जा रहा है कि किसानों के बीमा विवरण में पटवार सर्किल बदल गया था। इसमें भाद्राजून की जगह निम्बला व कोराणा की जगह सुगालिया जोधा हो गया था। इससे इन दो गांवों के किसानों को खरीफ-२०१७ का बीमा क्लेम की राशि नहीं मिल पाई। इसके बाद से ही किसान क्लेम के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं।
यह एकतरफा फैसला है…
कृषि आयुक्तालय की ओर से ऐसा आदेश आया है, लेकिन यह एकतरफा फैसला है। बीमा के लिए बैंक केवल मध्यस्थता ही करती है। लेन-देन की जिम्मेदार हमारी नहीं है। इस फैसले के लिए हमने न्यायालय की शरण ली है। क्लेम का भुगतान बीमा कंपनी ही कर सकती है।
-ओमपालसिंह भाटी, प्रबंध निदेशक, द जालोर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बंैक, जालोर
किसानों को नहीं मिला क्लेम…
बीमा क्लेम की राशि अटकने के मामले में कृषि आयुक्तालय ने सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक को जिम्मेदार माना है। इसके लिए किसानों को भुगतान देने का आदेश भी जारी किया है, लेकिन अभी तक राशि नहीं मिली। किसान इसके लिए आंदोलन भी कर रहे हैं।
-प्रताप आंजणा, जिला संयोजक, किसान एकता संघ, जालोर
बीमा क्लेम की राशि अटकने के मामले में कृषि आयुक्तालय ने सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक को जिम्मेदार माना है। इसके लिए किसानों को भुगतान देने का आदेश भी जारी किया है, लेकिन अभी तक राशि नहीं मिली। किसान इसके लिए आंदोलन भी कर रहे हैं।
-प्रताप आंजणा, जिला संयोजक, किसान एकता संघ, जालोर