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महापड़ाव पर पहुंचे विधायक तो किसानों ने किया हंगामा, बिना बात किए लौटना पड़ा

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जालोरMar 13, 2020 / 10:25 am

Dharmendra Kumar Ramawat

भारतमाला प्रोजेक्ट के विरोध में आमरण अनशन जारी

भारतमाला प्रोजेक्ट के विरोध में आमरण अनशन जारी

बागोड़ा. दादाल सड़क मार्ग पर स्थित किसान बाग में भारत भूमि बचाओ संघर्ष समिति के अनशन स्थल पर बुधवार शाम जालोर विधायक जोगेश्वर गर्ग जैसे ही पहुंचे तो गुस्साए किसानों ने सड़क पर ही भाजपा विधायक गर्ग का विरोध किया और महापड़ाव में आने तक नहीं दिया। इस दौरान किसानों ने किसान एकता जिंदाबाद व भाजपा मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए विधायक को खरी खरी सुनाते हुए हल्ला मचाया। आखिर में विधायक गर्ग को बिना बात किए ही गाड़ी से बैरंग लौटना पड़ा। किसानों का कहना था कि वे सवा तीन माह से भारतमाला प्रोजेक्ट को लेकर विभिन्न मांगों के लिए धरना और अब आमरण अनशन कर रहे हैं। इसके बावजूद ना तो भाजपा और ना ही कांग्रेस नेता कोई भी किसानों की सुध लेने तक नहीं आया। जिससे नाराजगी के चलते अब जनप्रतिनिधियों को किसानों के कोप का भाजन बनाना पड़ रहा है। इधर, संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी रमेश दलाल अनशन के दौरान कहा कि सरकार किसानों की परीक्षा नहीं ले, कारण कि वे संविधान व संसद को मानते हैं और यहां किसानों के हक के लिए गांधीवादी तरीके से सत्याग्रह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को जयपुर के लिए अनशनकारियों के साथ सैकड़ों किसान रवाना होंगे। जहां उनकी तीनों जायज मांगों को मुख्यमंत्री गहलोत को स्वीकार करना होगा। अन्यथा किसान भूखे रहकर प्रदर्शन जारी रखेंगे।
सासंद के चाचा ने दी सफाई
किसान बाग में चल रहे भूमि समाधि व आमरण अनशन के तीसरे दिन सांसद देवजी पटेल के चाचा कालाराम पटेल जाजूसन ने कहा कि भारतमाला एक्सप्रेस-वे में भूमि अधिग्रहण के बाद सांसद पर अपना खेत बचाने के लिए सड़क को घुमावदार कराने के आरोप लगाए जा रहे हैं जो सोची समझी साजिश है। ये आरोप बेबुनियाद हैं और महज अफवाह फैलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि बाड़मेर-जामनगर जा रही मंगला गैस पाइप लाइन से किसी हादसा होने की संभावना को लेकर महज सौ फीट जमीन पर से लाइन गई है। भारतमाला प्रोजेक्ट में रत्ती भर तक फेरबदल नहीं हुआ है। पटेल ने यह भी कहा कि अगर सरकार किसानों की तीनों मांग मंजूर नहीं करती है तो आमरण अनशन पर रहेंगे।
ये हैं किसानों की मांगें
किसानों की मांग है कि फसली सिंचित भूमि छोड़ कर असिंचित कृषि भूमि से हाइवे निकाला जाए। साथ ही मेगा हाइवे से वाया सिणधरी रामजी का गोल होते हुए परियोजना की सड़क एनएच 68 पर ले जाई जाए। इसके अलावा इससे नर्मदा नहर भी प्रभावित होगी और सर्वे में जगह-जगह मोड़ भी दिए गए हंै। किसानों का कहना है कि भूमि अवाप्ति के दौरान आने वाले रास्तों पर खेतों के दो भागों में विभाजित होने से ओवरब्रिज की व्यवस्था की जाए, रोड के दोनों तरफ लिंक रोड बनाकर किसानों के खेत में आने जाने की व्यवस्था की जाए व अधिग्रहित भूमि का बाजार दर पर मुआवजा किसानों को देने की मांग शामिल है।

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