scriptबच्चों को बछड़ों के साथ खेलने दें, होंगे ये फायदे…. | Gobhakt pathshala in Pathmeda Sanchore | Patrika News
जालोर

बच्चों को बछड़ों के साथ खेलने दें, होंगे ये फायदे….

www.patrika.com/rajasthan-news

जालोरJul 14, 2019 / 05:46 pm

Dharmendra Kumar Ramawat

Gobhakt pathshala in Pathmeda

बच्चों को बछड़ों के साथ खेलने दें, होंगे ये फायदे….

सांचौर. वेदलक्षणा गोभक्त पाठशाला के चौथे दिन शनिवार को स्वामी दत्तशरणानंद महाराज के ‘गो गीता महिमा सत्संग प्रवचन में सैंकड़ों गोभक्त उमड़े। राधाकृष्ण महाराज की मधुर वाणी में ‘गोभक्तमाल कथाÓ का शुुभारंभ भी हुआ। कथा के पहले दिन भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं के संगीतमयी वर्णन के दौरान भक्त-भाविक प्रेमाभाव में झूमने लगे। व्यासपीठ से कथाकार ने कहा कि भगवान अपनी बाल लीलाओं के माध्यम से वर्तमान के माता-पिता को कहना चाह रहे हैं कि वे भी अपने बच्चों को गोमाताओं के पास लेकर जाएं और उनके साथ खेलने का अवसर दें। उन्होंने कहा कि वर्तमान में माता पिता अपने बच्चों को कुत्तों के साथ पार्क में घुमाने जाते हैं। यह बच्चों की बुद्धि का विकास नहीं विनाश करना है। संतानों की बुद्धि का विकास करना है तो प्रतिदिन बच्चों को नजदीकी गोशाला में ले जाएं और उन्हें नन्हे बछड़ों के साथ खेलने दें। ऐसा करने पर बच्चे कभी किसी बीमारी से ग्रस्त नहीं होंगे और ओजस्वी, तेजस्वी, शौर्यवान व साहसी बनेंगे।Ó सभी कार्यक्रमों में विलेकृष्ण व मुकुंद प्रकाश महाराज की अगुवाई में दर्जनों गोसेवक सेवा कार्यों में जुटे रहे। मंच संचालन आलोक सिंहल ने किया। पथमेड़ा के राष्ट्रीय प्रवक्ता पूनम राजपुरोहित ने बताया कि गोभक्त पाठशाला में भाग लेने के लिए सैंकड़ों गोसेवक गोशाला परिसर में ही ठहरे हुए हैं। प्रतिदिन विभिन्न आयोजनों में काफी संख्या में लोग भी पहुंच रहे हैं। सभी के लिए रजत जयंती समारोह आयोजन समिति की ओर से दोनों समय शुद्ध पंचगव्य निर्मित महाप्रसादी, अल्पाहार व छाछ समेत उत्तम व्यवस्था की गई है। गोभक्त पाठशाला के चौथे दिन कई संतवंृदों व वरिष्ठ गोभक्त देवाराम जागरवाल, रघुनाथसिंह राजपुरोहित, लालसिंह रणधीसर, धनराज चौधरी, भूरसिंह राजपुरोहित, गुमानसिंह नून, बिशनसिंह सांथू, भगवान रावल, सांवलाराम दाता, दलपतसिंह मण्डवारिया, खेताराम देलवाड़ा, नागजी पथमेड़ा, चम्पालाल सायला, दयाराम, धर्माराम बिछावाड़ी, मेघराज मोदी, मांगूसिंह चौहान, पीरजी बालेरा, भगवानसिंह खिरोड़ी, विमलसिंह नोरवा व मनोज चढ्ढा सहित कई मौजूद रहे।
प्रभु का दिया परोपकार में लगाएं
गो-गीता महिमा सत्संग प्रवचन में स्वामी दत्तशरणानंद महाराज ने कहा कि भगवान की साधना करने वाले साधक को जो योग्यता भगवान ने दी है, वह दूसरों की भलाई के लिए है। सबकुछ भगवान का ही दिया हुआ मानकर सभी प्राप्त शक्ति व सामथ्र्य को भक्ति भाव से केवल प्रभु प्रसन्नता में लगाने वाला परमात्मा का प्रिय साधक होता है। जो साधक मन, बुद्धि व विवेक के साथ-साथ संपूर्ण रूप से स्वयं को भगवान के चरणों में अर्पित कर देता है, भगवान भी उस साधक को अपनी परम भक्ति प्रदान अवश्य करते हैं। उन्होंने पृथ्वी पर साक्षात भगवत स्वरूप केवल गोमाता को बताया। तन-मन-धन से गोमाता की सेवा कर प्रभु की प्रसन्नता व आशीर्वाद लेने की बात कही।
कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन
गोभक्तमाल कथा के पहले दिन राधाकृष्ण महाराज ने श्रीकृष्ण की बाल क्रीड़ाओं व मां यशोदा के वात्सल्य से ओत-प्रोत प्रसंग सुनाकर श्रद्धालुओं को भाव-विभोर कर दिया। कथा में भगवान श्रीकृष्ण व गोमाता के अभिन्न सम्बंध पर प्रसंग सुनाते हुए कहा कि गोमाता के गोष्ठ में खेल रहे कन्हैया को मां यशोदा अपने पास बुलाने के लिए मना रही है, लेकिन कन्हैया गोमाता को छोड़कर आने को तैयार नहीं है। थक-हारकर मां ने पूछा कि मेरे अलावा तुम्हें कौन दुलार करेगा, कौन खाना खिलाएगा। कन्हैया कहते हैं ‘मां मैं जिस गोष्ठ में बैठा हूं यह सारी गोमाताएं ही मेरी मां हैं और यही मुझे मक्खन, दूध, दही और घी खिलाएंंगी।Ó

Home / Jalore / बच्चों को बछड़ों के साथ खेलने दें, होंगे ये फायदे….

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो