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जालोर

गांवों में फैला है इनका जाल, उपचार के नाम पर लोगों से कर रहे लूट-खसौट

चिकित्सा विभाग के अधिकारियों की अनदेखी से गांवों में अवैध मेडिकल स्टोर व क्लीनिक की भरमार, लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे संचालक

जालोरOct 07, 2018 / 10:44 am

Dharmendra Kumar Ramawat

Illegal medical store and clinic

गांवों में फैला है इनका जाल, उपचार के नाम पर लोगों से कर रहे लूट-खसौट

हाड़ेचा. नेहड़ के कई गांवों में बिना लाइसेंस के मेडिकल स्टोर और क्लीनिक चलाए जा रहे हैं। ऐसे में इनके संचालक लोगों के स्वास्थ्य के साथ खुले आम खिलवाड़ कर रहे हैं। इसके बावजूद विभागीय अधिकारियों की ओर से इन नीम-हकीमों के खिलाफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक सांचौर ब्लॉक के डभाल, अचलपुर, सूथाना, वासन, जैसला, बावरला, चितलवाना के काछेला, केसूरी, खासरवी, सूंथड़ी, सुराचंद, खेजडिय़ाली, सांकरिया, धींगपुरा, नलदरा, जोरादर, भाटकी, टांपी, दूठवा, वेडिय़ा व भीमगुड़ा गांव में नीम हकीम अवैध क्लीनिक खोलकर बैठे हैं। जानकारी के अभाव में ये नीम हकीम ना केवल लोगों से अधिक राशि वसूली जा रही है, बल्कि उनके स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ कर रहे हैं। फिर भी अधिकारी मौन धारण किए बैठे हैं।
ना फार्मासिस्ट ना लाइसेंस
नेहड़ के कई गांवों में चल रहे अधिकतर मेडिकल स्टोर के लाइसेंस तक नहीं है। वहीं इन दुकानों पर कोईफार्मासिस्ट भी नहीं है। इनके आस पास ही नीम-हकीम भी डेरा डाले बैठे रहते हैं। जो लोगों को इलाज के नाम पर लूट रहे हैं। ये नीम हकीम अवैध मेडिकल खोलकर सुबह थैलों में दवा भरकर लाते हैं और ग्रामीणों का उपचार करते हैं। फिर भी प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।
हो चुकी है मौत
नेहड़ के कई गांवों में नीम हकीमों की ओर से मरीजों को हैवी डॉज देने से उनकी मौत तक हो चुकी है। पंाचला सहित कई गांवों में ऐसे मामले भी सामने आए, लेकिन विभाग की ओर से महज दो-तीन दिन अभियान चलाकर इतिश्री कर ली जाती है। जिसकी वजह से कुछ दिन बाद ही ये नीम-हकीम गांवों में फिर से पनपने लग जाते हैं।
कई अवैध क्लीनिक
सांचौर के वासन, डभाल व संूथाना में कई अवैध मेडिकल व क्लीनिक खोले हुए है, लेकिन विभाग की ओर से कार्रवाई अमल में नही लाने से लोगों के हौसले बुलंद है। वहीं चितलवाना उपखण्ड के वेडिय़ा, टांपी, डूगरी सहित कई गांवों में अवैध मेडिकल व क्लीनिक से स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है।
अवैध मेडिकल संचालकों के खिलाफ विभाग की ओर से कई बार कार्रवाई की गई है, लेकिन ड्रग ऑफिसर की ओर से साथ नहीं देने से कार्रवाई पर अमल नहीं हो पाता है। नेहड़ के गांवों में फिर से कार्रवाई की जाएगी।
– पीआर बोस, बीसीएमओ, चितलवाना
डभाल सहित ब्लॉक के कई गांवों में कार्रवाई के लिए टीम भेजी थी, लेकिन अवैध संचालकों को इसकी भनक लगने पर वे दुकानें बंद कर भाग गए थे। समय-समय पर कार्रवाई अमल में लाई जाऐगी।
– डॉ.वीडी जोशी, बीसीएमओ, सांचौर
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