रजिस्टर में सिवणा बता रखी थी ड्यूटी, निरीक्षण को पहुंचे न्यायिक अधिकारी तो हाथों हाथ आ पहुंचे डॉक्टर
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जालोर. राजस्थान उच्च न्यायालय के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव नरेन्द्रसिंह (अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश) एवं मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पवन कुमार काला ने गुरूवार को जिले के विभिन्न सरकारी अस्पतालों का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान कहीं डॉक्टर्स के अस्पताल नहीं आने की शिकायतें मिली तो कहीं गंदगी का आलम नजर आया। टीम ने गुरूवार को जालोर पंचायत समिति की आकोली पीएचसी, राजकीय स्वास्थ्य केंद्र सांचौर व हाड़ेचा का आकस्मिक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। टीम सुबह जब आकोली पीएचसी पहुंची तो वहां कम्पाउंडर भंवरलाल उपस्थित मिला। इस दौरान अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचे मरीज ने बताया कि यहां अधिकतर समय कम्पाउंडर ही इलाज करते हैं। डॉक्टर कभी कभार ही आते हैं। टीम ने उपस्थिति रजिस्टर देखा तो डॉक्टर प्रमोद रावल के उपस्थिति कॉलम में अन्यत्र स्थान पर सिवणा में ड्यूटी लिखा हुआ पाया गया। इसके कुछ देर बाद अस्पताल इंजार्च डॉक्टर प्रमोद रावल खुद अस्पताल में टीर्शट में पहुंचे। अन्यत्र स्थान सिवणा में ड्यूटी बाबत कोई पत्र या आदेश के बारे में पूछने पर ना तो आदेश बताया गया और ना ही कोई संतोषजनक जवाब दे पाए। मरीजों ने बताया कि यह डॉक्टर अधिकतर समय यहां पर उपस्थित नहीं रहते हैं। रजिस्टर में आशा दायमा के कॉलम में लंबे समय से लीव लिखा जा रहा है, लेकिन उसके प्रार्थना पत्र के बारे में पूछने पर पेश नहीं किया गया और ना संतोषजनक जवाब मिला। टीम को मरीजों ने बताया कि डॉक्टर रावल कभी कभार ही आते हैं।
यहां वार्ड अलग, पर मनमर्जी से इलाज
इसी तरह टीम जब उपखंड मुख्यालय सांचौर स्थित सरकारी अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंची तो अस्पताल में नियमित सफाई के अभाव में बदबू आ रही थी। जगह जगह कचरा पाया गया। बताया गया कि अस्पताल इंचार्ज वासुदेव जोशी लंबे समय से यहां कार्यरत हैं। इसके बावजूद व्यस्थाएं सही नहीं है। महिला एवं पुरूष वार्ड सही तरीके से मेंटेन नहीं किए जा रहे हैं। महिलाओं के वार्ड में पुरुषों का इलाज किया जा रहा है और पुरुष वार्ड में महिलाओं का इलाज करना पाया गया। अस्पताल में वार्डों में बेडशीट भी गंदी मिली।
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