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जालोर

खुलेंगी विकास की राहें: लूनी-भीलड़ी 271 किमी दोहरीकरण प्रोजेक्ट के लिए गजट नोटिफिकेशन जारी

 
– प्रोजेक्ट क्रियान्विति होने पर पूरे पश्चिमी राजस्थान को मिलेगा फायदा, रेल यातायात व्यवस्था सुधरेगी दूसरी तरफ गुड्स, एग्रो प्रोडक्ट को मिलेगा अलग से रेल लाइन रूट

जालोरMar 16, 2024 / 10:55 pm

Manish kumar Panwar

खुलेंगी विकास की राहें: लूनी-भीलड़ी 271 किमी दोहरीकरण प्रोजेक्ट के लिए गजट नोटिफिकेशन जारी

खुलेंगी विकास की राहें: लूनी-भीलड़ी 271 किमी दोहरीकरण प्रोजेक्ट के लिए गजट नोटिफिकेशन जारी

जालोर. पश्चिमी राजस्थान के बहुआयामी विकास को आगामी दो साल में रफ्तार मिलेगी। लूनी-जालोर-भीलड़ी रेल लाइन दोहरीकरण प्रोजेक्ट से ऐसा संभव हो पाएगा। प्रोजेक्ट के लिए रेल मंत्रालय की ओर से 7 मार्च को गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। जिसके तहत 271.97 किमी इस रेल लाइन के लिए दोहरीकरण का कार्य किया जाएगा। यह रेल रूट पूरे पश्चिमी राजस्थान के लिए कॉमर्शियल कोरिडोर का काम करेगा। जोधपुर से लेकर भीलड़ी (गुजरात) और उससे आगे गांधीधाम और भुज तक सीधी कनेक्टिविटी होने के साथ कोई भी प्रोडक्ट को लाना ले जाना आसान होगा। इसी रूट पर कांडला पोर्ट तक एक नया कोरिडोर बन जाएगा, जिससे देश और वेदश तक पश्चिमी राजस्थान के प्रोडक्ट को भेजना और लाना आसान और सस्ता होगा। बता दें इस प्रोजेक्ट को फरवरी माह में ही केबिनेट से मंजूरी मिली थी और प्रोजेक्ट के लिए 3530.92 करोड़ स्वीकृत किए गए थे। जिसके बाद अब गजट नोटिफिकेशन के साथ प्रोजेक्ट को रफ्तार मिलेगी। यह मिलेगा फायदा समदड़ी-भीलड़ी अतिव्यस्त रूट है। इस टे्रन पर 24 घंटे में 45 से 50 गुड्स टे्रनें निकलती है और अक्सर यात्री गाडिय़ां प्रभावित होती है। रेलवे को इस रूट पर बड़े राजस्व की प्राप्ति होती है। दोहरीकरण के बाद गुड्स टे्रनों की आवाजाही पूरी तरह से अगल हो जाएगी। यात्री गाडिय़ों का रूट अलग होने से सवारी टे्रनों की संख्या में भी वृद्धि होगी। जिससे सफर आसान होगा। एग्रो उत्पादों के लिए फायदा – जालोर, बाड़मेर, बालोतरा और सांचौर जिले में अनार, एग्रो प्रोडक्ट में जीरा, इसबगोल का बहुत ज्यादा उत्पादन होता है। अब तक इन प्रोडक्ट को बड़ी मंडियों तक बाइरोड पहुंचाया जाता है, गुड्स रूट अलग होने से यहां से प्रोडक्ट को आसानी से बड़ी मंडियों तक पहुंचाया जा सकेगा। जैसलमेर का लाइमस्टोन भी इसी रूट से होते हुए बड़ी मंडियों तक पहुंचाया जा सकेगा। – एशिया की सबसे बड़ी ग्रेनाइट मंडी जालोर में है, तैयार माल ट्रकों से भेजा जाता है। ट्रांसपोर्टेशन महंगा है, टे्रन का अलग रूट मिलने पर ग्रेनाइट को देश के अलग अलग हिस्से तक पहुंचाने पर 30 प्रतिशत तक फायदा होगा। सीमा क्षेत्र की बेहतर कनेक्टिविटी भुज (गुजरात) पाकिस्तान की सीमा से सटता आर्मी बेस एरिया है। इसी तरह राजस्थान में बाड़मेर, जैसलमेर भी सीमा क्षेत्र है। जबकि जोधपुर में आर्मी कैंट एरिया है। रेल लाइन कोरिडोर से आपात स्थिति में तीनों सीमा क्षेत्र के लिए यह आसान खुला रूट उपलब्ध रहेगा। मिलेगा फायदा रेल रूट से ग्रेनाइट के कच्चे माल को और तैयार माल को मंडियों तक भेजना आसान और सस्ता माध्यम होगा। अलग से रेल रूट मिलने के साथ कंटेनर यार्ड की स्थापना पर कोस्टिंग कम होने पर ग्रेनाइट उद्योग को फायदा होगा। – हेमेंद्र भंडारी, सचिव, ग्रेनाइट एसोसिएशन, जालोर – लूनी समदड़ी भीलड़ी दोहरीकरण का प्रोजेक्ट महत्वपूर्ण और महत्वाकांक्षी है.इस प्रोजेक्ट के लिए गजट नोटिफिकेशन जारी हुआ है. अब आगे टेंडर प्रक्रिया चलेगी. – पुरुषोत्तम पेरीवाल, पीआरओ, उत्तर पश्चिम रेलवे जोधपुर

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