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जालोर

छह पीपीई किट के भरोसे 5 लाख लोगों की सुरक्षा का जिम्मा

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जालोरApr 08, 2020 / 10:46 am

Dharmendra Kumar Ramawat

Sanchore CHC

Sanchore CHC

सांचौर. क्षेत्र में कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर जितनी सख्ती के साथ लॉकडाउन चल रहा है, उसकी तुलना में प्रशासन के पास पूर्ण चिकित्सा सुविधाओं का अभाव है। पांच लाख की आबादी वाले सांचौर क्षेत्र में कोरोना संक्रमित मरीज सामने आ भी जाए तो चिकित्सकों के पास इलाज के दौरान पीपीई किट की कमी प्रशासन के लिए चुनौती बन सकती है। जानकारी के अनुसार कोरोना महामारी से निपटने के लिए स्थानीय चिकत्सा विभाग के पास स्टॉक के रूप में महज 6 पीपीई किट उपलब्ध हंै और ये भी दोबारा काम में नहीं लिए जा सकते। ऐसे में संक्रमितों के इलाज के दौरान इनके यूज होने के बाद जिला चिकित्सा प्रशासन के माध्यम से डिमांड भिजवाकर ये किट मंगवाए जाएंगे। खास बात तो यह है कि क्षेत्र में लॉकडाउन के दैरान करीब 6 हजार से ज्यादा प्रवासी पहुंचे हंै। जिनमें सबसे अधिक महाराष्ट्र के मुंबई, पुणे, वसई व नागपुर सहित प्रभावित क्षेत्रों से आए हैं। वहीं गुजरात के सुरत, अहमदाबाद, कर्नाटक, चैन्नई, केरला, गोवा, बिहार व मध्यप्रदेश सहित विभिन्न राज्यों से प्रवासियों ने घर वापसी की है। फिलहाल एक भी कोरोना संक्रमित सामने नहीं आया है, लेकिन चिकित्सा तंत्र को इसके लिए तैयार रहने की जरूरत है। प्रवासियों के आगमन की तुलना में टेस्ट भी नाममात्र के ही हुए हैं। ऐसे में कोरोना संक्रमित का पता लगाना भी चुनौती से कम नहीं है। ऐसे में प्रशासन की ओर से पीपीई किट को लेकर बरती जा रही यह बेपरवाही कोरोना बचाव अभियान के दौरान मुसीबत खड़ी कर सकती है।
अस्पताल व क्वारंटाइन सेंटर में भी कमियां
प्रशासन की ओर से शहर के दो सरकारी छात्रावासों में 80 बेड के क्वारंटाइन सेंटर तो बनाए गए हैं, लेकिन यहां भी कई कमियां हैं। संभावित मरीज के लिए आपातकाल में ऑक्सीजन सहित अन्य सुविधाओं की कमी है। वहीं सीएचसी में चिकित्सकों के लिए सुरक्षा किट, आइसोलेशन वार्ड में आवश्यक सेवाओं व आईसीयू में पूर्ण रूप से इंतजाम करने होंगे। इसके लिए स्थानीय दानदाताओं की सहायता भी ली जा सकती है।
यह होता है पीपीई किट
कोरोना से संक्रमित मरीज की जांच व इलाज के दौरान चिकित्सा कर्मियों को पीपीई किट पहनना जरूरी है। इसका उपयोग एक बार ही किया जा सकता है। जिसे बाद में नष्ट करना होता है। एक कीट की कीमत 500 से 700 रुपए के बीच होती है। ऐसे में सरकारी स्तर पर आवश्यकता के अनुपात में पूर्ण व्यवस्था कर पाना विभाग के बूते की बात नहीं है। ऐसे में इसके लिए समाजसेवी संस्थाओं व दानदाताओं का सहयोग भी लिया जा सकता है।
इनका कहना…
विभाग की ओर से कोरोना को लेकर पूर्ण बंदोबस्त किए गए हैं। आइसोलेशन वार्ड के अतिरिक्त चिकित्सकों के लिए पीपीई किट आवश्यकता के अनुसार मंगवाए जाते हैं। फिलहाल छह पीपीई किट विभाग के पास हैं। ये किट संक्रमित की जांच या इलाज के दौरान एक बार ही उपयोग में लिए जाते हैं। विभाग इसको लेकर गंभीर है।
– डॉ. ओपी सुथार, बीसीएमओ, सांचौर

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