कनिष्ठ लेखाकार के भरोसे सीडीपीओ कार्यालय
Post vacant in Mahila and bal vikas vibhag chitalwana sanchore jalore
चितलवाना. महिलाओं व बच्चों के पोषण विकास को लेकर भले ही राज्य सरकार आंकाड़ों में वाहवाही लूट रही है, लेकिन धरातल पर हकीकत कुछ और ही है। पंचायत समिति का सीडीपीओ कार्यालय मात्र एक कनिष्ठ लेखाकार के भरोसे चल रहा है। महिला व बाल विकास परियोजना कार्यालय में महज एक कनिष्ठ लेखाकार के अलावा अधिकतर पद रिक्त ही चल रहे हैं। ऐसे में गांवों में संचालित होने वाले आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषाहार वितरण से लेकर संचालन की जिम्मेदारी लेने वाला भी कोई नहीं है। वहीं यह कार्यालय पंचायत समिति कार्यालय के बजाय ग्राम पंचायत के पुराने भवन में संचालित किया जा रहा हैं। जिसमें ना तो स्टोर रूम है और ना ही बैठक की व्यवस्था।
अतिरिक्त चार्ज से चलाते काम
पंचायत समिति में सीडीपीओ का पद सालों से रिक्त होने के कारण एबीईईओ को इसका अतिरिक्त चार्ज देकर काम चलाया जा रहा है। ऐसे में एबीईईओ को बीईईओ कार्यालय के साथ ही सीडीपीओ कार्यालय की जिम्मेदारी भी निभानी पड़ रही है।
एक भी नहीं पूर्व प्राथमिक शिक्षक
जानकारी के अनुसार महिला व बाल विकास परियोजना कार्यालय में आंगनबाड़ी केंद्रों पर आने वाले बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोडऩे के लिए शिक्षकों की नियुक्ति की जाती है, लेकिन कार्यालय में प्राथमिक शिक्षकों के कुल पांच पद स्वीकृत होने के बावजूद यहां एक भी शिक्षक नहीं है। जिसके कारण बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से भी नहीं जोड़ा जा रहा है। इस कार्य का जिम्मा भी कनिष्ठ लेखाकार के भरोसे ही चलाया जा रहा है।
ये पद चल रहे रिक्त
पद नाम स्वीकृत रिक्त
सीडीपीओ एक एक
महिला पर्यवेक्षक आठ आठ
कनिष्ठ सहायक एक एक
वरिष्ट सहायक एक एक
सहायक सीडीपीओ एक एक
कनिष्ठ लेखाकार एक शून्य
च.श्रे.कर्म. एक एक
पूर्व प्रा.शिक्षक पांच पांच
इनका कहना…
सीडीपीओ कार्यालय मात्र लेखाकार के भरोसे चल रहा है। मेरे पास अतिरिक्त चार्ज है। ऐसे में जैसे तैसे कर काम चलाया जा रहा है।
– शैतानसिंह राव, कार्यवाहक सीडीपीओ, चितलवाना