भीनमाल (जालोर). क्षेत्र में हुई बारिश खरीफ की फसलों के लिए जीवनदायिनी साबित हुई है। अच्छी बारिश से क्षेत्र में किसानों के चेहरे खिल उठे हैं। भीनमाल, बागोड़ा, रानीवाड़़ा, जसवंतपुरा व सांचौर व चितलवाना क्षेत्र में इस
मानसून 2 लाख 64 हजार 688 हैक्टयर में खरीफ फसलों की बुवाई हो चुकी है। इसके अलावा बारिश से बुवाई का रकबा और बढऩे की उम्मीद है। बारिश होने के बाद सुबह किसानों ने परिवार के साथ खेत-खलिहानों का रूख कर दिया है। किसानों का कहना है कि बुवाई के 10 दिन बाद बारिश होने से अब फसलों की निराई व गुड़ाई कर सकेंगे। इसके अलावा उपयुक्त नमी मिलने से फसलेंं तेजी से वृद्धि होगी। कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पहले हुई बारिश से क्षेत्र में खरीफ फसलों की बुवाई करीब-करीब हो चुकी है। जिले में 6 4 हजार हैक्टयर में अरण्डी की बुवाई का लक्ष्य है। (प.सं.)
बाजरे की हुई अधिक बुवाई
भीनमाल, बागोड़ा, रानीवाड़़ा, जसवंतपुरा व सांचौर व चितलावाना क्षेत्र में 2 लाख 6 4 हजार 6 8 8 हैक्टयर में खरीफ फसलों की बुवाई हुई है। जिसमें बाजरा एक लाख 40 हजार 16 0 हैक्टयर, बाजरा व मोठ 42 हजार 410 हैक्टयर, ज्वार 2 हजार, मूंग 26 हजार 8 70, मोठ एक हजार हैक्टयर, तिल 5 हजार 928 , अरण्डी 4500 हैक्टयर, गवार 28 हजार 320 हैक्टयर, मूंगफली 12 हजार 5 हैक्टयर व एक हजार हैक्टयर में हरी सब्जियां व हरे चारे की बुवाई हुई है। पशुओं के लिए चारे के लिए क्षेत्र में अधिकांश किसानों ने बाजरे की बुवाई की है।
नहीं सताएगी चारे की चिंता
15 दिनों में दो बार बारिश होने से क्षेत्र में पशुपालकों को अब पशुओं के लिए हरे चारे की चिंता नहीं सताएगी। बारिश होने से गोचर, ओरण, खेत-खलिहानों में पशुओं के लिए प्रचुर मात्रा में हरा चारा उपलब्ध हो सकेगा। इसके अलावा नाड़ी तालाबों में पानी की आवक होने से पशुओं के लिए पानी की समस्या से निजात मिलेगी। बारिश से किसानों व पशुपालकों के लिए काफी राहत मिली है।
अच्छी बारिश हुई है
क्षेत्र में अच्छी बारिश हुई है। बारिश से फसलें खेतों में तरोताजा हो गई है। बारिश फसलों के लिए अमृत का काम करेगी। अब किसान फसलों की निराई-गुड़ाई कर सकेंगे।
– गणेशाराम भील व रमेश मेघवाल, किसान-भीनमाल
शेष बुवाई भी होगी
क्षेत्र में पूर्व में हुई बारिश से 2 लाख 6 4 हजार हैक्टयर में खरीफ फसल की बुवाई हो गई है। बारिश फसलों के लिए वरदान साबित होगी। अब बारिश होने से शेष फसलों की बुवाई भी होगी। किसान अरण्डी की भी बुवाई कर सकेेंगे। बारिश होने से अरण्डी के उपयुक्त नमी मिलेगी।
जीएल चौधरी, सहायक निदेशक, कृषि विस्तार -भीनमाल