scriptSkeleton : रणखार में अब दिखने लगे वन्यजीवों के कंकाल… पढ़े पूरी खबर | Skeletons of wildlife are now visible in Rankhar... read full news | Patrika News
जालोर

Skeleton : रणखार में अब दिखने लगे वन्यजीवों के कंकाल… पढ़े पूरी खबर

तालाबों में सिमटते पानी से मरने लगी मछलियांलीकेज पाइपों से एकत्र पानी ही वन्यजीवों के लिए एक मात्र सहारा

जालोरMay 20, 2022 / 07:53 pm

RADHEY SHYAM BANDAR

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मोहनलाल विश्नोई
वेडिय़ा। जालोर में इस बार गर्मी ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए है। एक बार तो जिले में भीषण गर्मी ने अधिकतम तापमान 48 को छू लिया। ऐसे में पानी की कमी वन्यजीवों के लिए मौत का कारण बन रहा है।
जिले के रणखार में कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है। यहां इस बार भीषण गर्मी के कारण परम्परागत जलस्रोत सूख गए है। पानी की तलाश में वन्यजीव इधर-उधर भटक रहे है और मौत के मुंह में समा रहे है। नेहड़ क्षेत्र के रणखार में हिरण, रोजड़ा, खरगोश, लोमड़ी, नेवला समेत कई वन्यजीव पानी के लिए आबादी क्षेत्रों में भटकते दिख जाएंगे। पानी की पाइपलाइन से लीकेज पानी जहां एकत्र होता है उन स्थानों पर मोर समेत कई वन्यजीव पानी के लिए डेरा डाले हुए है।
यहां हालात विकट
रणखार क्षेत्र के आरवा, कलजी की बेरी, खेजडिय़ाली, आकोडिय़ा, भवातड़ा, डूंगरी, कागोडा, सेसावा सहित कई गांवों में वन्यजीवों के कंकाल नजर आने लगे है। ग्रामीणों की माने तो इन वन्यजीवों की मौत भीषण गर्मी के पानी की कमी से हुई है।
वन्य जीवों के लिए रणखार है गोचर भूमि में सरकार को पानी के कुंड बनाने चाहिए ताकि भीषण गर्मी वन्यजीव अपनी प्यास बुझा सके।
– जगदीश कुराड़ा, कार्यकर्ता, श्रीजम्भेश्वर पर्यावरण एवं जीवरक्षा

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नोरवा तालाब में सैकड़ों की तादाद में दिख रही मृत मछलियां
भाद्राजून। इस बार भीषण गर्मी के कारण लोगों के साथ वन्यजीवों व जलचरों की जान पर भी आफत बन आई है। पानी में रहने वाले जलीय जीवों में भी इस भीषण गर्मी का असर देखा जा सकता है। गर्मी सहन नहीं कर पाने की वजह से नोरवा गांव के तालाब में सैकड़ों की तादाद में मछलियां मर रही हैं।
जानकारों के मुताबिक, चिलचिलाती धूप के कारण तालाबों का पानी तेजी से वाष्पीकृत हो रहा है। इसकी वजह से तालाब में पानी भी कम होता जा रहा है। पानी में ऑक्सीजन की कमी के चलते भी मछलियों की जान जा रही है। भाद्राजून के निकटवर्ती नोरवा गांव में बने रियासतकालीन तालाब में बचे थोड़े बहुत पानी में गुरुवार सुबह सैकड़ों की तादाद में मृत मछलियां तैरती नजर आई।
कम बारिश के कारण नहीं भर पाए थे तालाब
पिछले साल मानसून की बारिश औसत से कम हुई थी। नतीजतन क्षेत्र का कोई भी तालाब, बावड़ी लबालब नहीं भर पाए। वैसे नोरवा के तालाब का पानी पिछले कई सालों में नहीं सूखा। मगर, इस बार भीषण गर्मी के दौर में यह तालाब भी सूखने के कगार पर पहुंच चुका है। गुरुवार सुबह नोरवा तालाब में सैकड़ों की तादाद में मृत मछलियां पानी पर तैरती तो कई तड़प-तड़पकर दम तोड़ती नजर आईं।
ग्रामीण बोले…
तालाब काफी प्राचीन है। गत वर्ष बारिश नहीं होने से तालाब सूखने की दशा में है। ऐसे में बड़ी संख्या में मछलियां मर रही है। तालाब की साफ-सफाई के लिए ग्रामीण अपने स्तर पर सहयोग राशि एकत्र कर रहे है।
– सुरेन्द्रपालङ्क्षसह राजपुरोहित, युवा ग्रामीण नोरवा
नोरवा गांव का तालाब आज बदहाली का शिकार हैं। सरकार की उदासीनता से आज बड़ी संख्या में मछलिया मर रही हैं। जिसकी बदबू से आमजन परेशान हैं। प्रशासन को इस पर कार्ययोजना बनानी चाहिए।
– नरपतङ्क्षसह सुरभि, ग्रामीण नोरवा
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