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जालोर में अब तक भी इसलिए पानी का संकट

– नर्मदा परियोजना में फिर से शुरू हुई पानी की सप्लाई, लेकिन अभी कम मात्रा में मिल रहा पानी

जालोरMay 14, 2019 / 10:35 am

Khushal Singh Bati

jalore

– नर्मदा परियोजना में फिर से शुरू हुई पानी की सप्लाई, लेकिन अभी कम मात्रा में मिल रहा पानी

जालोर. नर्मदा परियोजना में क्लोजर के चलते 10 दिन तक शहरवासियों को पेयजल संकट से जूझना पड़ा, लेकिन अब यह अवधि पूरी हो चुकी है और केनाल में फिर से पानी की सप्लाई शुरू होने के साथ तैतरोल से पंपिंग भी शुरू हो चुकी है। लेकिन पिछले तीन दिन से मौसम में आए बदलाव और तेज अंधड़ के चलते हो रही बिजली कटौती के चलते तैतरोल, बागोड़ा और उम्मेदाबाद से पंपिंग प्रभावित हो रही है, जिससे क्लोजर अवधि पूरी होने के 3 दिन बाद भी सप्लाई अभी शैड्यूल में नहीं आ पाई है और विभागीय अधिकारियों को अभी तक ट्यूबवैल पर ही सप्लाई के लिए निर्भर रहना पड़ रहा है।
क्लोजर पूरा लेकिन आंधी का असर
30 अपे्रल से 10 मई तक नर्मदा परियोजना के अधिकारियों की ओर से क्लोजर लिया गया था और नीयत समय पर क्लोजर पूरा हो गया है। उसके बाद 11 मई से सप्लाई शुरू की गई, लेकिन इसी दिन से मौसम में बदलाव आया और जिलेभर में आंधी और बारिश के चलते फॉल्ट भी आए। इस बदलाव का असर पेयजल सप्लाई पर भी पड़ा। चूंकि 11 मई से ही तैतरोल से पुन: पंपिंग शुरू हुई तो फॉल्ट के चलते जालोर तक पानी पहुंचने में भी देरी हुई। पिछले तीन दिन की बात करें तो विभागीय अधिकारियों का कहना है कि हालांकि क्लोजर समय पर पूरा हो गया था और सप्लाई भी शुरू की गई, लेकिन लगातार आ रहे फॉल्ट की वजह से पेयजल सप्लाई अब तक सुचारू नहीं हो पाई है।
फिर 48 घंटे पर होगी सप्लाई
क्लोजर के दौरान केवल ट्यूबवैल पर ही सप्लाई निर्भर थी। इन हालातों में पानी की मांग बढऩे के साथ सप्लाई घटने से आपूर्ति का शैड्यूल भी प्रभावित हो रहा था। अधिकतर एरिया में 48 की बजाय 72 और 96 घंटों के इंतजार से पानी मिल रहा था। नर्मदा परियोजना से पुन: सप्लाई होने से 40 से 50 लाख लीटर पानी प्रतिदिन उपलब्ध होने लग जाएगा। सोमवार को परियोजना से पानी मिलना शुरू हो गया है, जिसके बाद विभाग शैड्यूल बरकरार करने की कोशिश में जुटा है। दूसरी तरफ विभाग का यह भी कहना है कि यदि मौसम खराब होने के साथ फॉल्ट आए तो पंपिंग प्रभावित होने से सप्लाई भी प्रभावित होगी। वहीं यदि लगातार पंपिंग शुरू रह पाती है तो पुन: शहर में 48 घंटे में आपूर्ति होने लग जाएगी।
डिस्कॉम की अनदेखी पड़ रही भारी
डिस्कॉम की ओर से हर साल मेंटिनेंस के नाम पर घंटों बिजली कटौती की जाती है। इन हालातों में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। हर साल कई घंटों की विद्युत रखरखाव के न ाम पर कटौती के बाद भी बूंदाबंादी या आंधी के हालात में पॉवर कट आम बात है। इस लिहाज से डिस्कॉम की ओर से विद्युत रखरखाव के नाम पर की जा रही कटौती पर सवालिया निशान है।
इनका कहना
दस दिन के क्लोजर के बाद 11 से केनाल में पानी मिलने लग गया था। परियोजना से पानी मिलने लग गया है, जिसके साथ ही तैतरोल से पंपिंग शुरू कर दी गई है।
– केएल कांत, एसई, नर्मदा परियोजना
क्लोजर के बाद पानी छोड़ा जा चुका है, लेकिन पिछले तीन दिन से मौसम खराब है और फॉल्ट से विद्युत व्यवधान के हालात भी बन रहे हैं, जिससे सप्लाई पर भी असर पड़ रहा है।
– ताराचंद कुलदीप, एसई, नर्मदा परियोजना

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