गोकथा में जीवंत हो उठी श्रीकृष्ण की लीलाएं
मध्यवेश्वर गोशाला में गो-भागवत कथा के तहत कथा वाचिका देवी ममता ने सुनाए कई रोचक प्रसंग
गोकथा में जीवंत हो उठी श्रीकृष्ण की लीलाएं
चितलवाना. मनुष्य जाति या धर्म से नहीं, बल्कि उसके द्वारा किए गए कर्मों से ही महान बनता है। यह बात शुक्रवार को मध्यवेश्वर महादेव गोशाला में चल रही गो हितार्थ गो-भागवत कथा में कथा वाचिका देवी ममता ने कही। उन्होंने सत्कर्म की महत्ता का सुंदर वर्णन करते हुए कहा कि मनुष्य को जीवन में अनवरत कर्म करते हुए सच्चाई के पथ पर आगे बढ़ते रहना चाहिए। ताकि वह उच्च मुकाम को हासिल कर सके। इधर, कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं, रुकमणी विवाह और रासलीला की सुन्दर और सजीव झांकियां सजाई गई। जिन्हें देख भगवान श्रीकृष्ण की लीलाएं जीवंत हो उठीं। कथा के दौरान उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण की गोपियों के साथ रासलीला व कृष्ण-रुकमणी विवाह का सुंदर चरित्र-चित्रण किया।
वहीं विवाह की झांकी के दौरान कन्यादान के रूप में सभी श्रद्धालुओं को गोसेवा का संकल्प दिलाया। कथा में महंत गेारखपुरी, गोरखाराम माली, भगवानाराम खिलेरी, हुकमाराम खिलेरी, सुरेन्द्र खिलेरी, रामलाल खीचड़, मांगीलाल साहु, रघुनाथ खिलेरी, सुनील सियाक व लुंगा देवी सहित कई जनों ने गोदान किया। इन सभी को व्यासपीठ की ओर से रुद्राक्ष की माला पहनाकर व स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया।
आज होगा कुशालगिरी महाराज का आगमन
भागवत कथा के विश्राम दिवस पर विश्व स्तरीय गो चिकित्सालय नागौर के संस्थापक स्वामी कुशालगिरी महाराज का शनिवार को आगमन होगा। इस दौरान उनका गोसेवकों और ग्रामीणों की ओर से जोरदार स्वागत किया जाएगा। इस दौरान वे श्रद्धालुओं को ईश्वर प्राप्ति के लिए किए जाने वाले साधना व ध्यान के बारे में जानकारी देंगे। वहीं स्वामी को गुरू बनाने वाले शिष्यों को रुद्राक्ष की कंठी पहनाकर नाम दान देंगे।
101 गोसैनिकों को दिलाएंगे शपथ
भागवत कथा के दौरान जिले के 101 महिला-पुरुष कामधेनु सेना की सदस्यता ग्रहण करेंगे। इस दौरान जिलाध्यक्ष रमेश गोदारा की मौजूदगी में नव सदस्यों को कामधेनु सेना के नि:शुल्क कार्ड वितरित किए जाएंगे। कार्यक्रम में जिला, तहसील, नगर व ग्राम स्तर के पदाधिकारियों को उनके परिचय पत्र के साथ पद भी प्रदान दिए जाएंगे।
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