किसान इस मामले में कई बार ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन जिम्मेदार भी अब सुध नहीं ले रहे। मामला चौराऊ ग्राम सहकारी समिति का है। राजस्थान फसली ऋण योजना (Rajasthan kisan karj mafi ) के तहत व्यवस्थापक पर लाखों रुपए की राशि की हेराफरी करने के आरोप लगाए गए। मामले में ग्रामीणों के परिवाद 17 जून को जिला कलक्टर ने प्रभारी मंत्री के सामने ही व्यवस्थापक जामताराम को निलम्बित कर सहायक व्वस्थापक ललितकुमार को चार्ज देने के आदेश दिए, लेकिन अभी तक चार्ज हस्तांतरित नहीं किया गया। किसानों ने आरोप लगाया कि गबन आरोपों पर समुचित जांच तक नहीं हो रही है। वोकसिंह, सुखराम, सुरेशकुमार, ककाराम, दूदाराम, गणपतसिंह समेत कई किसान मौजूद रहे।
प्रशासक लगाने की मांग
चौराऊ के किसानों ने सोमवार को एक बार फिर जिला कलक्टर को ज्ञापन दिया। इसमें गबन के मामले में जांच एवं व्यवस्थापक पर कार्रवाई की मांग रखी। ज्ञापन में बताया कि समिति का बोर्ड भंग कर प्रशासक लगाने की मांग की, ताकि निष्पक्ष जांच हो सके।
2.77 करोड़ के गबन का आरोप
किसानों ने आरोप लगाया कि वर्ष-2019 में व्यवस्थापक जामताराम ने चौराऊ समिति में में जमीन नहीं होते हुए भी परिवार के सदस्यों के नाम खाते दर्शाए तथा प्रधानमंत्री फसल बीमा करवाया। खाद वितरण जिंस बिना साख सीमा के वितरण में गबन कर समिति को नुकसान पहुंचाया। ऋण माफी-2018 में बिना समिति सदस्यों के होते हुए भी रहन माफी करवाई। अवधिपार सदस्यों की भूमि अधिक होते हुए भी कम दर्शाई तथा ऋण माफी करवाई। 160 सदस्यों के ब्याज में खतौनी गलत दर्शाकर ब्याज राशि अधिक दशाते हुए राज्य सरकार को हानि पहुंचाई गई। व्यवस्थापक पर दो करोड़ 77 लाख रुपए के गबन का आरोप लगाते हुए जांच की मांग रखी गई।