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जालोर

जिस अधिकारी ने ली स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति 6 माह बाद ही उसी विभाग में लगा संविदा पर

2013 में बाराबंदी में गड़बड़ी की एसीबी में शिकायत हुई थी, विभागीय जांच के निर्देश भी मिले थे

जालोरApr 17, 2018 / 10:52 am

Khushal Singh Bati

jalorenews

2013 में बाराबंदी में गड़बड़ी की एसीबी में शिकायत हुई थी, विभागीय जांच के निर्देश भी मिले थे

खुशालसिंह भाटी. जालोर. जालोर-पाली जिले से जुड़ी हुई जवाई परियोजना में बड़े स्तर पर गड़बडिय़ां और विभागीय अधिकारियों की सांठ गांठ के मामले सामने आ रहे हैं। जिसमें अपने चहेतों को लाभ देने और आरोपित अधिकारियों को बचाने की कवायद तक की गई। जल संसाधन विभाग जवाई नहर उपखंड सुमेरपुर के सहायक अभियंता ओपी टांक और विभागीय अधिकारियों की विभिन्न स्तर पर सांठ गांठ सामने आई है। इस अधिकारी न े पारिवारिक व मानसिक कारणों से जून 2017 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी। साफ है अधिकारी की कार्य करने की इच्छाशक्ति नहीं थी। साथ ही मानसिक स्थितियां भी ऐसे हालातों में किसी बड़े स्तर के काम की सरकारी इजाजत नहीं दे सकती। उसके बावजूद केवल 6 माह बाद ही इसी अधिकारी को फिर से संविदा पर लगाया गया। मामला इसलिए जांच के दायरे में है क्योंकि जवाई नहर जीर्णोद्धार परियोजना में जिस एजेंसी को 27 करोड़ रुपए का भुगतान हुआ वह जांच का विषय है और इसका भुगतान तक इनके कार्यकाल में हुआ। विभागीय स्तर पर जांच में गड़बड़ी पाई जाती है तो इस अधिकारी की सेवानिवृत्ति प्रभावित होती। फिलहाल अधिकारी सेवानिवृत्ति ले चुका है, लेकिन अभी इसी विभाग में संविदा पर ही लगा हुआ है।
जो शक के दायरे में उन्हें फिर जांच
थुंबा निवासी किसान नेता ईश्वरसिंह ने मामले में 23 मार्च 2018 को संपर्क पोर्टल पर प्रकरण दर्ज करवाया। जिसमें इस अधिकारी की नियम विरुद्ध संविदा पर नियुक्ति का हवाला देते हुए इस अभियंता को कार्य मुक्त करने एवं इसके कार्यकाल में निर्माण कार्यों की अनियमितताओं की जांच प्रशासनिक अधिकारी से करवाने की मांग की गई। किसान नेता ने इसकी शिकायत अतिरिक्त मुख्य अभियंता जल संसाधन विभाग जोधपुर को की, जिसके बाद उन्होंने इस मामले में जांच के लिए फिर से अधीक्षण अभियंता जल संसाधन वृत्त पाली को परिवाद पर उचित कार्रवाई के निर्देश दिए। जबकि आरोपित एईएन और अधीक्षण अभियंता की सांठ गांठ की शिकायत भी किसान नेता कर चुके हैं।
विभाग की मेहरबानी इस कदर
विभाग इस सेवानिवृत्त एईएन ओपी टांक पर इस कदर मेहरबान है कि सभी नियम कायदों को ही तांक पर रख दिया। शिकायत में साफ तौर पर बताया गया है कि एईएन ओपी टांक अधीक्षण अभियंता जल संसाधन वृत्त पाली प्रतापसिंह चावड़ा का विशेष चहेता रहा। उसके बाद भी एडिशनल चीफ ने मामले में जांच और उसका स्पष्टीकरण अधीक्षण अभियंता प्रतापसिंह चावड़ा से ही मांगा। साफ है जवाब भी उसके पक्ष में ही भेजा गया और उसका बचाव किया गया।
बाराबंदी में गड़बड़ी के मामले में भी है आरोपी
एईएन ओपी टांक पर एसीबी में भी प्रकरण विचाराधीन है। सुमेरपुर खंड में जवाई बांध की नहरी प्रणाली में बाराबंदी में गड़बड़ी का मामला इस अधिकारी के खिलाफ विचाराधीन भी है। मामले में बाराबंदी की जानकारी इस अधिकारी से पैन ड्राइव में मिली थी, जिस पर प्रकरण भी दर्ज हुआ था। इस अधिकारी के अलावा दो अन्य अधिकारियों पर भी बाराबंदी प्रभावित करने का प्रकरण दर्ज हुआ था, जिसमें विभागीय स्तर पर जांच के लिए निर्देश मिले थे, लेकिन अधिकारियों ने मामला ही ठंडे बस्ते में डाल दिया।
टिप्पणी वाले मौन
शिकायत के बाद अतिरिक्त मुख्य अभियंता जल संसाधन संभाग जोधपुर ने जांच के लिए एसई जल संसाधन वृत्त पाली को निर्देशित किया। इस मामले में जब एसई प्रतापसिंह चावड़ा को फोन लगाया तो उन्होंने मामले की जानकारी होने से इनकार किया।साथ ही मामला एक्सईएन जवाई परियोजना के अधिकार क्षेत्रका बताया। जबकि 2 अपे्रल 2018 को उनकी ओर से ही स्पष्टीकरण में संबंधित अधिकारी का बचाव किया गया है।
इनका कहना
&ओपी टांक ने पारिवारिक कारणों से सेवानिवृत्ति ली थी, लेकिन विभाग में स्टाफ की कमी के चलते गाइड लाइन के अनुसार मैंने ही इस अधिकारी को संविदा पर लगाने के लिए डिजायर की थी, जिस पर उन्हें लगाया गया।
– रंजन कंसारा, एक्सईएन, जवाई नहर खंड, सुमेरपुर

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