1 जुलाई को इस घटनाक्रम में पारस भारती के अपहरण की जानकारी पुलिस को मिली थी। जिस पर अलग अलग टीमों का गठन किया गया था। इस बीच 3 जुलाई महंत स्वयं रेवदर आबकारी थाने में पेश हो गए थे। जिन्हें जालोर पुलिस लेकर आई और पूछताछ में आरोपियों द्वारा उन्हें कथित ऑडियो वीडियो से धमकाने और ब्लैकमेलिंग की जानकारी सामने आई। इस प्रकरण के बाद प्रार्थी पारस भारती निवासी दूदेश्वर महादेव मठ वालेरा ने सायला थाने में रिपोर्ट पेश कर बताया कि आरोपियों की ओर से आपत्तिजनक वीडियो व ऑडियो होने का भय दिखाते हुए रुपए की मांग की जा रही थी और ऐसा नहीं करने पर इन्हें वायरल करने की धमकी दी जा रही थी। इस प्रकरण में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ़्तार किया।
ब्लैकमेलिंग से जुड़े इस प्रकरण में मुख्य सरगना नागेंद्रसिंह है। पुलिस सूत्रों की मानें तो इस मामले में पूर्व में आरोपी ने करीब एक लाख रुपए महंत से ऐंठे थे। जिसकी जांच भी पुलिस कर रही है। इधर, पुलिस को इस प्रकरण में जब्त मोबाइल से किसी तरह का आपत्तिजनक वीडियो या ऑडियो नहीं मिला है।
प्रकरण में तीन आरोपी पुलिस गिरफ्त में है, जबकि प्रारंभिक तौर पर पुलिस ने पहले पांच आरोपियों को दस्तयाब किया था। लेकिन इस प्रकरण में पूर्व में दस्तयाब महावीर और जोगसिंह की इस प्रकरण में भूमिका नहीं होने से उन्हें छोड़ दिया गया।