धराशायी हो रही योजनाएं
अस्पताल में चिकित्सक नहीं होने से अधिकतर लोग निजी क्लीनिकों में जाने को मजबूर है। इससे सरकारी योजनाओं से लाभ नहीं मिल रहा है। ऐसे में राज्य सरकार की ओर से लागू कर रखी निशुल्क जांच एवं निशुल्क दवा योजना भी धराशायी हो रही है। ग्रामीण मनोहरसिंह ने बताया कि हादसों में घायल, गंभीर रोगी व प्रसव के दौरान ग्रामीणों को भारी असुविधा झेलनी पड़ रही है।
लाचारी जता रहे विभागीय अधिकारी
चिकित्सा विभाग इस मामले में लाचारी जता रहा है। बीसीएमओ डॉ. वीरेंद्र हमतानी ने बताया कि अस्पताल का संचालन करने वाली फर्म का काम संतोषजनक नहीं है। इसके लिए कई बार लिखा भी है, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल रहा। अस्पताल को जब तक पीपीपी मोड से मुक्त नहीं किया जाता तक तब कुछ नहीं कर सकते। व्यवस्था के लिए कम्पाउंडर व नर्स को समय पर उपचार सुविधा देने को लेकर पाबंद किया है। कार्रवाई के लिए वापस लिखा है।