विजयादशमी पर चामुण्डा माता मंदिर में किया शक्ति व शस्त्रों का पूजन
चामुण्डा माता मंदिर में हिंदू युवा संगठन के पदाधिकारियों ने संत पवनपुरी के सान्निध्य में किया शस्त्रों का पूजन, वक्ताओं ने बताया महत्व
विजयादशमी पर चामुण्डा माता मंदिर में किया शक्ति व शस्त्रों का पूजन
जालोर. हिन्दू युवा संगठन संस्था की ओर से विजयादशमी के पर्व पर शुक्रवार रात करीब 8 बजे शहर के प्राचीन चामुण्डा माता मंदिर परिसर में शक्ति व शस्त्र पूजन कार्यक्रम का आयोजन महंत पवनपुरी महाराज के सान्निध्य में किया गया। नगर उपाध्यक्ष हेमेन्द्रसिंह बगेडिय़ा ने बताया कि कार्यक्रम का आगाज़ मां चामुण्डा की प्रतिमा को हार चढ़ाकर व पुष्प अर्पित कर किया गया। इस मौके मुुख्य वक्ता के नाते अधिवक्ता मधुसूदन व्यास व मुख्य अतिथि के रूप मेें पूर्व मंत्री जोगेश्वर गर्ग मौजूद थे। वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के जिलाध्यक्ष अधिवक्ता सुरेश सोलंकी नेे की। विशिष्ठ अतिथि के तौर पर जिला महामंत्री अर्जुनसिंह पंवार, कोषाध्यक्ष मंगलाराम सांखला व सदस्य भीखाराम प्रजापत मौजूद रहे। कार्यक्रम में महंत व अतिथियों ने भगवान राम व शस्त्रों की पूजा की। साथ ही मां भगवती के साथ शस्त्रों की आरती उतारी गई। मुख्य वक्ता व्यास नेे संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय सस्कृति में शस्त्रों की पूजा एक परम्परा है जो वैदिक काल से चली आ रही है। बुद्धि, बल व हथियार आदि से विजय की कामना करनेे वाले लोग शस्त्र पूजन करते थे। दशहरे के दिन राजा विक्रमादित्य ने मां हरसिद्धि की आराधना कर शस्त्रों का पूजन किया था। वहीं शिवाजी महाराज ने भी इसी दिन मां दुर्गा की पूजा कर भवानी तलवार प्राप्त की थी। मुख्य अतिथि गर्ग ने कहा कि 9 दिन मां शक्ति की उपासना के बाद दशमी को जीवन के हर क्षेत्र में विजय की कामना के साथ चंद्रिका का स्मरण करते हुए शस्त्रों का पूजन करना चाहिए। शस्त्रों के साथ अपने मन की पूजा भी करनी चाहिए। कार्यक्रम को संस्था के जिलाध्यक्ष सोलंकी ने भी संबोधित किया। मंच संचालन मूलाराम प्रजापत ने किया। इस मौके संगठन के नगर उपाध्यक्ष हेमेंद्रसिंह बगेडिय़ा, दिनेश महावर, एडवोकेट अमन मेेहता, जबराराम माली, प्रकाश आचार्य, प्रर्वत गर्ग, मदनसिंह गहलोत, दिनेश बारोट, अचलसिंह परिहार, हुकमीचंद, सोमशेखर, गाउरक्षा दल के भरत टांक, महेन्द्र प्रजापत, देशराज, दिनेश प्रजापत, लालाराम घांची, बद्रीदास, रमेश सोलंकी, दिनेश सुंदेशा, महेन्द्र माली, रमेश दमामी, जेेठमल, अशोक माली, कविता, सुशीला, पुनीत, भैैराराम, उगमसिंह व हड़मतसिंह सहित कई मौजूद थे।