CCTV फुटेज में देखा जा सकता है कि पत्रकार वार्ता खत्म होने के बाद लेह के एक निजी होटल में मीडियाकर्मी मौजूद हैं और थोड़ी देर बाद ब्लैक जैकेट पहने एक व्यक्ति पत्रकारों को एक लिफाफा देता है। लिफाफा मिलने के बाद पत्रकार एक-एक करके वहां से निकल जाते हैं। लेह प्रेस क्लब के मुताबिक, भाजपा ने क्लब के सदस्यों को पैसों से भरे लिफाफों की पेशकश कर रिश्वत देने की कोशिश की।
भाजपा ने इस आरोप से इनकार करते हुए कहा है कि आरोप ‘राजनीति से प्रेरित’ है। इस आरोप के बाद विपक्षी पार्टियों ने भी भाजपा को घेर लिया है। इतना ही नहीं विपक्ष ने बीजेपी को घेरते हुए चुनाव आयोग और जम्मू-कश्मीर पुलिस से इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की है।
लेह प्रेस क्लब का पत्र सामने आने के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना ने धमकी दी है कि यदि प्रेस क्लब सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगता तो मानहानि का मुकदमा दायर किया जाएगा। रवींद्र रैना ने कहा, “भाजपा इस तरह के आरोपों को बर्दाश्त नहीं करेगी। अगर प्रेस क्लब सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगता तो हम उच्च न्यायालय में मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे”। वहीं इस मामले पर बात करते हुए डिप्टी कमिश्नर लेह, अवनी लवासा, जो लद्दाख संसदीय क्षेत्र के रिटर्निंग ऑफिसर भी हैं, ने कहा कि अभी तक इस घटना में एफआईआर दर्ज नहीं हुई है।
“हमें पत्रकारों की शिकायत मिली है। गैर-संज्ञेय अपराध होने के कारण हम अदालत में पेश कर रहे हैं, उन्होंने कहा की अदालत ने अब तक प्राथमिकीदर्ज करने का आदेश नहीं दिया है।
अवनी लवासा,डिप्टी कमिश्नर लेह
सूत्रों ने कहा की पुलिस भी पत्रकारों की शिकयत और फुटेज के प्रमाणीकरण के दावों का सत्यापन कर रही है और यदि दावे सही पाए जाते हैं, तो मुख्य चुनाव अधिकारी, जम्मू-कश्मीर को आगे की कार्रवाई के लिए कदम उठाए जाएंगे।
नोट:—पत्रिका इस तरह के किसी भी आरोप की पुष्टि नहीं करता है।