उसने यह भी कहा कि अगर आप लोग यह कहोगे कि बंदूक उठाकर हमने गलत किया, तो हम आतंक की राह को त्याग देंगे। अगर यह दहशतगर्दी है, तो हम यह छोड़ देंगे। आजादी क्या सिर्फ हमारे जिम्मे है? हम सब छोड़ देंगे? एक-एक मुजाहिद जिसे तीन-तीन साल, चार-चार साल फील्ड में हुए मारा गया। आज सीनियर मुजाहिद कोई नहीं है, सब मेरे जैसे हैं।’ हमें आप की मदद चाहिए, हमें मुखबिर नहीं चाहिए।
बता दें कि शनिवार को सेना और हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकियों के बीच शोपियां में मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में सेना ने पांच आतंकियों को मार गिराया था। इस दौरान मारे गए एक आतंकी की पहचान उमर नजीर मलिक उर्फ उमर मलिक के रूप में हुई थी। वह मलिकगुंड गांव का रहने वाला था। वह अगस्त 2017 से आंतकी गतिविधियों में लिप्त था। उक्त आतंकी ने इसी मुठभेड में मारे गए उमर मलिक के जनाजे में ऐसा उग्र भाषण दिया। बता दें कि आतंकियों के जनाजे में बड़ी संख्या में लोग शरीक होते है इसलिए दूसरे आतंकी भी यहां शामिल होते है और इसी तरह वह लोगों से जुड पाते है।