कश्मीरियों ने की भोजन की व्यवस्था…
राहुल जो कि राजस्थान निवासी है कश्मीर में मजदूरी का काम करता था। लॉकडाउन की वजह से अपने घर नहीं जा सका और रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया। श्रीनगर के खनियार इलाके में वह अपने पांच साथियों के साथ किराए के मकान में रहता है। लॉकडाउन के दौरान अपने पूरी कमाई उन्होंने जरुरत की चीजों पर खर्च कर दिया। राहुल ने बताया कि इस दौरान हमारे पास एक पैसा भी नहीं बचा। हम पिछले एक सप्ताह से भूखे थे और बिस्कुट और पानी खा रहे थे। उनकी समस्या पता चलने के बाद स्थानीय लोग तुरंत कार्रवाई में जुट गए और उनके लिए चावल, आटा, तेल और अन्य आवश्यक सामानों की व्यवस्था की।
प्रवासियों ने जताया आभार…
राहुल ने इस मदद के लिए सभी की सराहना करते हुए कहा कि स्थानीय लोगों ने इस कठिन समय में हमारी बहुत मदद की। अगर वे हमारे बचाव में नहीं आते तो हम भूख से मर जाते। खानयार निवासी मुश्ताक अहमद ने कहा कि उन्हें पता चला है कि मजदूरों के पास खाने के लिए कुछ नहीं है और बाद में उन्होंने उनके लिए भोजन और अन्य आवश्यक चीजों की व्यवस्था की। उन्होंने कहा कि न केवल स्थानीय लोग, बल्कि हम हर उस व्यक्ति की मदद कर रहे हैं जो ज़रुरतमंद है। मैं लोगों से अनुरोध करता हूं कि यदि कोई परिवार या कोई भी व्यक्ति मुश्किलों का सामना कर रहा है, तो उसे हमारे संज्ञान में लाना चाहिए। हम उनकी मदद करने की पूरी कोशिश करेंगे, आंकड़े बताते हैं कि करीब 18000 गैर स्थानीय लोग बंद के कारण कश्मीर में फंसे हुए हैं। अधिकांश क्षेत्रों में, स्थानीय लोगों ने प्रवासी मजदूरों के लिए भोजन और अन्य आवश्यक व्यवस्था की है। पुराने श्रीनगर शहर में, लोगों ने लगभग 70 गैर-स्थानीय मजदूरों की मदद की है, जिनके पास भोजन और पैसा नहीं था। इसी तरह, पुलवामा जिले में, कई स्थानीय लोगों ने गैर-स्थानीय मजदूरों को भोजन और आश्रय प्रदान किया।