इस संबंध में एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा, ‘मुख्य सचिव के आदेश के तहत कुछ धार्मिक पुस्तकों को शामिल किए जाने के संबंध में सर्कुलर को वापस ले लिया है।’ राज्य सरकार ने सोमवार को सर्कुलर जारी कर जम्मू-कश्मीर मंडलों के स्कूल शिक्षा निदेशक को ये धार्मिक पुस्तकें खरीदने का निर्देश दिया था।
सर्कुलर में स्कूल शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, कॉलेजों एवं पुस्तकालयों के निदेशकों और संस्कृति विभाग से ‘भगवद् गीता’ और सर्वानंद प्रेमी द्वारा लिखी हुई ‘कोशुर रामायण’ के उर्दू संस्करण की प्रतियां खरीदने को कहा गया था। इस सर्कुलर का विभिन्न तबकों ने विरोध किया था। पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने दूसरे धर्मों की पुस्तकों को नजरअंदाज करने को लेकर सवाल भी किया था।