…ये वो फोर्स हैं, जो ग्रासरूट डेमोक्रेसी नहीं चाहतीं
राज्यपाल ने कहा कि अगर वह विधानसभा भंग नहीं करते, तो कुछ राजनीतिक दल खरीद-फरोख्त में लगे हुए थे, जिससे राज्य में अस्थिरता का माहौल पैदा हो जाता। महबूबा मुफ्ती ने भी कुछ दिन पहले यह कहा था कि उनके विधायकों को एनआईए का डर दिखाया जा रहा है। इसके अलावा अन्य राजनीतिक दलों ने भी इस तरह की शिकायतें की थीं। मैं नहीं चाहता था कि किसी भी राजनीतिक दल को खरीद-फरोख्त का मौका दूं। मेरी कोशिश है कि राज्य में राजनीतिक मूल्यों पर आधारित व्यवस्था को बनाया जाए न कि इसे खतरे में डाला जाए। ये फोर्स वे हैं जो ग्रासरूट डेमोक्रेसी बिल्कुल नहीं चाहती थीं और अचानक ये देखा कि हमारे हाथ से चीजें निकल रही हैं, एक अपवित्र गठबंधन करके मेरे सामने आ गए। मैंने किसी से पक्षपात नहीं किया। मैंने जो जम्मू-कश्मीर की जनता के पक्ष में था, वह काम किया है। अगर ये गठजोड़ वाली सरकार बनती, तो इसका लोगों की अपेक्षाओं से कोई सरोकार नहीं होता।