व्यवस्थाओं पर लग रहा प्रश्नचिह्न
श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य के लिए पुख्ता प्रबंध किए जाने के बावजूद हर दिन एक से अधिक श्रद्धालु मौत होना बोर्ड की व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह लगा रहा है। यही वजह है कि बोर्ड ने एक बार फिर श्रद्धालुओं से पूरी तरह से स्वस्थ होने पर ही यात्रा शुरू करने की हिदायत दी है। बाबा अमरनाथ की यात्रा एक जुलाई को शुरू हुई थी। समुद्र तल से 3888 मीटर ऊंचाई पर स्थित बाबा बर्फानी की गुफा तक जाने के लिए दुर्गम रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है। कई जगहों पर आक्सीजन की कमी भी होती है। इस कारण कइयों को हृदयघात हो जाता है।
नहीं झेल पाते दुर्गम यात्रा का दबाव
दुर्गम यात्रा के दौरान हर साल यहां कई श्रद्धालुओं की मौत हो जाती है। हालांकि यात्रा के लिए बोर्ड द्वारा स्वास्थ्य प्रमाणपत्र अनिवार्य कर रखा है। इस साल अभी तक 23 की मौत हुई है। इनमें 19 श्रद्धालु, दो सेवादार और दो सुरक्षाकर्मी शामिल हैं। इसके अलावा तीस श्रद्धालु यात्रा मार्ग पर पत्थर गिरने से घायल हो गए हैं। इन सभी को अस्पतालों में भर्ती करवा कर प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। यात्रा मार्ग पर माउंटेन रेस्क्यू टीमें, आईटीबीपी के जवान व अन्य सुरक्षा कर्मी भी श्रद्धालुओं की पूरी देखभाल कर रहे हें। उन्होंने आक्सीजन का प्रबंध भी रखा हुआ है। कई श्रद्धालुओं की वे जान बचा चुके हैं।