जम्मू में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर पांच पांच किलोमीटर क्षेत्र में लगाई गई यह फेंसिंग अपने आप में पहला हाईटेक निगरानी सिस्टम है, जो जमीन, पानी, हवा और भूमिगत स्तर पर एक अदृश्य इलेक्ट्रॉनिक दीवार बनाता है। इस प्रणाली से सीमा सुरक्षाबल (बीएसएफ) के जवानों को मुश्किल क्षेत्रों में घुसपैठ रोकने में मदद मिलेगी । सीआईबीएमएस के तहत अत्याधुनिक सर्विलांस टेक्नॉलजी, थर्मल इमेजर्स, इन्फ्रारेड और लेजर आधारित घुसैपठ अलार्म हैं । ये सब चींजें मिलकर एक अदृश्य दीवार बनाती हैं । इस प्रणाली में हवाई निगरानी के लिए एयरोस्टेट, सुरंगों के जरिए घुसपैठ का पता लगाने में मदद के लिए ग्राउंड सेंसर, पानी के रास्ते के लिए सेंसरयुक्त सोनार सिस्टम, जमीन पर ऑप्टिकल फाइबर सेंसर मौजूद है ।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि यह कार्यक्रम सीमा प्रबंधन प्रणाली को और ज्यादा मजबूत बनाएगा, जो मानव संसाधन के साथ आधुनिक टेक्नॉलजी को जोड़ता है। अधिकारी ने कहा, ‘इंटीग्रेटेड बॉर्डर मैनेजमेंट सिस्टम पर आधारित यह आभासी बाड़ भारत में अपनी तरह की पहली परियोजना होगी।’