वीडियो कांफ्रेंसिंग के तहत हुई चर्चा…
श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रमेश कुमार ने यह जानकारी यात्रा से जुड़े हितधारकों के साथ एक वीडियो कांफ्रेंसिंग में दी। वीडियो कांफ्रेंसिंग में पूर्व राज्यपाल के सलाहकार परवेज दीवान, बोर्ड के सदस्य, पुलिस अधिकारी और यात्रा से जुड़े व्यवसाइयों के प्रतिनिधि शामिल हुए। होटल उद्योग से लेकर अन्य व्यवसाइयों के प्रतिनिधियों से सुझाव भी लिए गए।
वायरस मुक्ति पहली प्राथमिकता…
सीईओ ने बताया कि लॉकडाउन की पाबंदियों में यात्रा शुरू नहीं की जा सकती। गृह मंत्रालय से अनुमति मिलने पर इस वैकल्पिक योजना को फौरन अमल में लाने की तैयारी की जा रही है। योजना का क्रियान्वयन सरकार की अनुमति पर निर्भर करेगा। सीईओ ने कहा कि श्री माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग को कोरोना वायरस से मुक्त रखना प्राथमिकता होगा। हर श्रद्धालु की स्वास्थ्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अगले छह माह के लिए श्रद्धालुओं की सीमित संख्या के साथ यात्रा चलाने का प्रस्ताव है। छह माह की परिस्थितियों को देखते हुए ही यात्रियों की संख्या में परिवर्तन पर कोई विचार किया जाएगा।
अन्य समस्याओं पर चल रहा विमर्श…
यात्रा मार्ग को संक्रमण मुक्त रखने के लिए बाणगंगा, नया ताराकोट मार्ग, अर्धकुंवारी, वैष्णो देवी भवन और भैरव घाटी में थर्मल स्क्रीनिंग और फुट ऑपरेटेड सैनिटाइजर लगेंगे। पूरे यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं की लोकेशन पर जीपीएस ट्रैकिंग से नजर रखी जाएगी। फोरलेन सैनिटाइजिंग टनल भी लगेंगी। सीईओ ने कहा कि माता वैष्णो देवी के दर्शनार्थियों में 40 से 50 फीसदी श्रद्धालुओं के पास स्मार्ट फोन अथवा मोबाइल फोन भी नहीं होता। ऐसे श्रद्धालुओं को यात्रा का अवसर देने के लिए विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श चल रहा है।