जमशेदपुर। जिला क्षेत्र में राशन के लिए अब बॉयोमेट्रिक मशीन का उपयोग किया जाएगा। इस विधि के कारण लगभग एक लाख फर्जी राशन कार्ड वाले सामने आएंगे जिन्हें कार्रवाई करते हुए सूची से बाहर कर दिया जाएगा। हटने वाले अयोग्य लोगों के साथान पर नए और जरूरतमंद लोगों के नाम दर्ज होंगे।
जिले में लगभग साढ़े चार लाख राशनकार्डधारी हैं। जब से बॉयोमेट्रिक प्रणाली लागू हुई है, जन वितरण प्रणाली की दुकानों से नौकरी और व्यवसाय करने वाले लोग राशन उठाने कतराने लगे हैं। ऐसे लोगों की संख्या लगभग 30 प्रतिशत है। अभी तक दर्जन भर लोग राशन उठाकर फंस चुके हैं। उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई चल रही है।
पूर्वी सिंहभूम जिले के आपूर्ति पदाधिकारी दिलीप कुमार तिवारी का कहना है कि संपन्न लोगों की पहचान के लिए सफेद राशनकार्ड बनाया जा रहा है। पहले जिनलोगों ने राशनकार्ड किसी तरह से बना लिया है, यदि वे योग्य पात्र नहीं है, तो उनसे सरेंडर करने की अपील की गई है। यदि सरेंडर नहीं करते हैं और राशन दुकान से अनाज लेते हैं तो बॉयोमेट्रिक रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
कई लोगों ने जितने दिनों तक राशन उठाया, उसकी कीमत विभाग को सौंपकर उन्होंने जान बचाई है। सस्ती दर पर लोग राशन उठाने के लिए चोरी-छुपे राशन कार्ड बनवा लिया, लेकिन जैसे ही आधार लिंक हुआ उनकी उंगली के निशान लगते ही उनकी विस्तृत रिपोर्ट सरकार के पास पहुंच जा रही है, जिसके बाद कानूनी प्रक्रिया आरंभ हो जा रही है। जो लोग तीन महीने तक राशन नहीं उठाएंगे, उनके राशनकार्ड स्वयं ही रद्द हो जाएंगे।
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारी जनवरी में उन लोगों के राशनकार्ड की सूची की जांच करेंगे, जिन लोगों ने तीन महीने तक राशन नहीं उठाया है। उनकी अलग से सूची बनाकर रद्द कर दी जाएगी।