scriptहो सकता है अगली बार किसी रेस्टोरेंट में ऑर्डर लेने वेटर नहीं रोबोट से मुलाकात हो | Maybe next time you meet a robot, not a waiter at a restaurant | Patrika News
जमशेदपुर

हो सकता है अगली बार किसी रेस्टोरेंट में ऑर्डर लेने वेटर नहीं रोबोट से मुलाकात हो

(Jharkhand News ) अगली बार आप जब किसी होटल या (Robot at restaurant) रेस्टारेंट में जाएं और अपना ऑर्डर दें तो चौंकने की (2 brothers made robot ) जरूरत नहीं है, हो सकता है ऑर्डर लेने वाला कोई वेटर नहीं हो बल्कि एक रोबोट हो, जो बहुत ही सलीके से न सिर्फ आपका अभिवादन करे बल्कि आपका ऑर्डर को पूरा करे। जी हां, यह कोई काल्पनिक नजारा नहीं होगा, यह एक सच्चाई होगी। इस सच्चाई को इंजीनियरिंग के कमाल से जमीन पर उतारा है दो सगे भाईयों ने।

जमशेदपुरSep 19, 2020 / 08:29 pm

Yogendra Yogi

हो सकता है अगली बार किसी रेस्टोरेंट में ऑर्डर लेने वेटर नहीं रोबोट से मुलाकात हो

हो सकता है अगली बार किसी रेस्टोरेंट में ऑर्डर लेने वेटर नहीं रोबोट से मुलाकात हो

जमशेदपुर(झारखंड): (Jharkhand News ) अगली बार आप जब किसी होटल या (Robot at restaurant) रेस्टारेंट में जाएं और अपना ऑर्डर दें तो चौंकने की (2 brothers made robot ) जरूरत नहीं है, हो सकता है ऑर्डर लेने वाला कोई वेटर नहीं हो बल्कि एक रोबोट हो, जो बहुत ही सलीके से न सिर्फ आपका अभिवादन करे बल्कि आपका ऑर्डर को पूरा करे। जी हां, यह कोई काल्पनिक नजारा नहीं होगा, यह एक सच्चाई होगी। इस सच्चाई को इंजीनियरिंग के कमाल से जमीन पर उतारा है दो सगे भाईयों ने।

जोखिम क्षेत्रों के लिए अनुकूल
आदित्यपुर के दो इंजीनियर भाइयों रोहित आनंद व साकेत आनंद ने एक रोबोट तैयार किया है। दोनों भाइयों की तीन माह की मेहनत से तैयार रोबोट अस्त्र की लांचिंग शुक्रवार को की गई। इसकी विशेषता यह है कि यह 360 डिग्री पर घूम सकता है। यह घरेलू से लेकर अन्य कार्यों को संपादित कर सकता है। यह स्वत: आठ दिशाओं में घूम सकता है. रोहित और साकेत ने बताया कि रोबोट वाइ फाइ रेंज में काम करेगा।

फिलहाल लागत 75 हजार
कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए कोविड केयर सेंटर, रेस्टोरेंट व अन्य संभावित जोखिम वाले क्षेत्रों में कार्य संपादित करने में यह रोबोट महती भूमिका निभा सकता है। इसकी लागत फिलहाल 75 हजार आई है। दोनों भाइयों ने बताया कि रोबोट निर्माण करने पर उन्होंने करीब 75 हजार रुपये खर्च किए हैंं। फिलहाल यह 20 किलोग्राम तक वजन उठाने की क्षमता रखता है। इसकी क्षमता दो क्विंटल (200 किग्रा) तक बढ़ाने की दिशा में प्रयास जारी है। इसके निर्माण में उपयोग किया गया सामान चेन्नई व मुंबई से मंगाया गया है।

बैटरी व कंप्युटर लगे हैं
दोनों भाइयों ने बताया कि अस्त्र रोबोट जियाडा की ओर से निर्मित इएमसी में सहायक साबित होगा। इसे अधिक उपयोगी बनाने के लिए इसमें दो कैमरा, तीन-चार घंटे चलने वाली बैटरी, तीन तरह के छोटे-छोटे कंप्यूटर लगाये गये हैं। व्यापक पैमाने पर उत्पादन से रोबोट की कार्य को उन्नत किया जा सकता है। इसी के साथ इसकी लागत भी कम हो सकती है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो