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हाइड्रा ने साइकिल सवार दंपती को मारी ठोकर, महिला की दर्दनाक मौतमंत्री या किसी बड़े अफसरों के जिले में दबिश देने की सूचना मिलते ही अफसर किस तरह फूर्ति से काम करना शुरु कर देते हैं इसका जीता जागता उदाहरण बुधवार को जिले में देखने को मिला। प्रोटोकाल से यह सूचना मिली कि गुरुवार को कृषि मंत्री रविंद्र चौबे जिले के दौरे पर रहेंगे और वे बम्हनीडीह ब्लाक के तालदेवरी में अफसरों की बैठक लेंगे। मंत्री के आने की सूचना मिलते ही मार्कफेड के अफसरों के हाथ-पांव फूल गए। क्योंकि यहां के सोसायटी में हजारों क्ंिवटल धान जाम है। अफसरों को यह अंदेशा था कि यदि यहां के किसान मंत्री के सामने प्रदर्शन कर देंगे तो मार्कफेड के कार्यशैली उजागर हो जाएगी। इसके चलते मार्कफेड के अफसरों के अलावा जिले के अन्य अफसर भी हरकत में आ गए। डीएमओ ने यह प्लानिंग की कि यहां की सोसायटी से धान का उठाव तत्काल किया जाए।
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विधानसभा अध्यक्ष ने कहा. जांजगीर में रहना है तो ‘भगवान नहीं चरण के ‘दास बनकर काम करना पड़ेगा… डीएमओ ने तत्काल जिले के तमाम ट्रांसपोर्टरों को तालदेवरी केंद्र में लगा दिया और रातों रात 18 ट्रकों को लगाकर 4850 क्ंिवटल धान का उठाव कर लिया। इतना ही नहीं सुबह से लेकर दोपहर तक पांच ट्रकें यहां की सोसायटी से धान का उठाव करने जद्दोजहद करते रहे। ताकि यहां की सोसायटी में किसी तरह की अव्यवस्था न रहे और यहां के किसान अपनी समस्या का बखान मंत्री के पास न कर सकें। ऐसे में मार्कफेड के अलावा अन्य अफसरों के कार्यप्रणाली की पोल खुल जाती। जिसके चलते यहां सारे के सारे अफसरों की टीम समय से पहले पहुंच चुकी थी और अपने अपने विभागों की फाइल अपडेट कर सुबह से मौके पर मौजूद हो चुके थे।यह था मंत्री का शेड्यूल
प्रदेश के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे का तालदेवरी में कृषि पर आधारित कार्यक्रम का आयोजन था। इसके अलावा जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक भी रखी गई थी। वहीं किसानों से भेंट मुलाकात का भी कार्यक्रम था। कृषि पर आधारित कार्यक्रम होने से जिले के कृषि से जुड़े अधिकारियों ने फूर्ति से काम लिया और अपने विभागों की फाइल अपडेट रखते हुए चतुराई बरतने में जरा सी भी कोताही नहीं की।