कहीं एटीएम में केवल खाली बोलतें ही रखी हुई है तो कहीं तो खाली बोतलें तक नहीं है। अधिकांश बैंकों ने अपने एटीएम सेंटर की दीवारों पर सैनेटाइजर की बातलें फिक्स करा दी है ताकि कोई ले न जाए, लेकिन सैनिटाइजर की रिफलिंग कराने में जिम्मेदारों का ध्यान नहीं है।
ग्राहकों का कहना है कि अधिकतर समय पर ये सैनिटाइजर खाली ही मिलते हैं। ऐसे में उपयोग के दौरान संक्रमण का डर भी लगा रहता है, क्योंकि एटीएम मशीन को बिना टच किए लेन-देन संभव नहीं होता। ऐसे में यह मजबूरी भी बन जा रही है। बैंक प्रबंधन को इस दिशा में लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।
कई लोग बिना मास्क लगाए सटकर खड़े हो जाते हैं। कहने पर ही नहीं मानते। इस संक्रमण काल में कम से कम बैंकों को हर एटीएम में गार्ड की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि सोशल डिस्टेंस का पालन तो लोग करें। गार्ड रहेंगे तो हैंड सैनेटाइजर का भी बेजा इस्तेमाल नहीं होगा। कई लोग जान बूझकर बार-बार यूज करते हैं। वह भी नहीं होगा।
लगी रहती है भीड़, मास्क तक नहीं पहनते
शहर के ज्यादातर एटीएम में लोगों की भीड़ एकसाथ देखी जा सकती है। कहीं पर भी सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं हो रहा। इसकी बड़ी वजह एटीएम में कहीं भी गार्ड की तैनाती नहीं होना भी है। एसबीआई मेन ब्रांच के अलावा गार्ड कहीं नजर नहीं आते। ऐसे में बाकी एटीएम में एक समय पर एक साथ कई लोग घुस जाते हैं और सटकर खड़े रहते हैं। इनमें से कई लोग मास्क भी नहीं लगाते। ऐसे में बाकी लोगों को संक्रमण का डर बना रहता है।
संकटकाल में यह होना चाहिए
1. हर एटीएम में गार्ड की तैनाती
2. हैंड सैनेटाइजर खत्म होने पर तत्काल रिफलिंग
3. मास्क नहीं पहनने पर एटीएम में प्रवेश पर रोक
4. एक बार में एक ही व्यक्ति को प्रवेश दिया जाए