जांजगीर-चांपा जिले के तुलसी व किरीत धान खरीदी केंद्र में एक करोड़ से भी अधिक की धान की गलत तरीके से खरीदी मामले में कलेक्टर जितेंद्र कुमार शुक्ला ने इस मामले में जांच टीम गठित की थी। नोडल अधिकारी अश्वनी पांडेय, सहायक नोडल अधिकारी शत्रुहन पैकरा एवं सहायक उप पंजीयक आरके अग्रवाल ने जांच में मामला सही पाया।
इधर कांग्रेस के कुछ नेता मामले को दबाने ठेका लेना भी शुरु कर दिया था लेकिन उनकी मंशा धरी की धरी रह गई। कलक्टर के निर्देश पर कार्यालय उप पंजीयक सहकारी संस्थाए के नोडल अधिकारी ने संबंधितों के खिलाफ एफआईआर करने की तैयारी शुरु कर दी है।
किरीत का कंप्यूटर आपरेटर ने 50 लाख का खरीदा धान
पत्रिका को मिले दस्तावेज के आधार पर किरीत उपार्जन केंद्र में भी तकरीबन 50 लाख रुपए के फर्जी खरीदी की बात सामने आई है। दस्तावेज सरकारी भूमि बम्हनीडीह ब्लॉक के ग्राम करनौद का दर्शा रहा है तो वहीं धान की बिक्री नवागढ़ ब्लाक के ग्राम किरीत सोसायटी में हुई है।
किरीत सोसायटी के कंप्यूटर आपरेटर गांधी दास महंत के द्वारा फर्जी जमीन के बेस में तकरीबन 50 लाख रुपए के धान की खरीदी की गई है। नवागढ़ तहसीलदार के फर्जी आईडी से जमीन का पंजीयन किया गया और कंप्यूटर आपरेटर ने रिश्तेदारों के नामों से लाखों की खरीदी कर दी है।
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इन रिश्तेदारों के नाम से खरीदीकरनौद निवासी रेवती बाई महंत के नाम किरीत सोसायटी में 2 लाख 20 हजार क्ंिवटल धान की खरीदी की गई है। वहीं किरीत की ही राजनंदिनी महंत के नाम पर 250 क्ंिवटल धान की बिक्री हुई है, जिसकी कीमत 6 लाख रुपए बताई जा रही है।
इसी तरह शिवरीनारायण क्षेत्र के भठली क्षेत्र अनिल पिता शिवलाल के नाम जमीन से धान बिक्री हुई है लेकिन पैसा जमा अजय भैना के नाम से हुआ है। अजय भैना ने 6 लाख रुपए के धान का पैसा आहरण कर लिया है। अगर किरीत सोसायटी की फाइल खंगाली जाए तो कंप्यूटर आपरेटर (Computer Operator) गांधी दास महंत ने और भी रिश्तेदारों के नाम पर धान बिक्री की है। इसमें करोड़ों रुपए के गड़बड़ी का खुलासा हो सकता है।