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जांजगीर चंपा

पांव पसार रहा कीटनाशक दवा का काला कारोबार

जिले में कीटनाशक दवा का काला कारोबार तेजी से पांव पसार रहा है। किसानों को नकली दवा की बिक्री कर मोटी रकम ऐठने वाले कारोबारियों के खिलाफ पहले भी कई तरह की बड़ी कार्रवाई की जा चुकी है। इसके बाद भी किसानों से ठगने का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा है। जबकि दो साल पहले कुछ इसी तरह के गैंग का खुलासा हुआ था।

जांजगीर चंपाJul 01, 2022 / 08:56 pm

Sanjay Prasad Rathore

पांव पसार रहा कीटनाशक दवा का काला कारोबार

dawa

जिसमें एक दर्जन कीटनाशक दवा व्यापारियों के खिलाफ धारा ४२० के तहत कार्रवाई की गई थी। मामला कोर्ट चला गया। इस मामले में कई व्यापारी जेल भी गए। लेकिन ऐसे दवा व्यवसायियों की कालाबाजारी जारी ही है। व्यवसायी अनावश्यक रूप से छोटे व्यवसायियों पर दबाव बना रहे हैं। जिसके चलते छोटे व्यवसायी काफी परेशान हैं। कुछ ऐसे ही मामले में एक कीटनाशक दवा व्यसायी ने डीलरों की प्रताडऩा से तंग आकर खुदकुशी की कोशिश भी की है। इसके बाद भी ऐसे लोगों के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं हो रही है। पुलिस के अनुसार नवागढ़ थाना अंतर्गत आदर्श ग्राम सेमरा अटल चौक में विकास कृषि केंद्र के संचालक विकास गौरहा गुरुवार को जहर सेवन कर आत्महत्या की कोशिश की है। विकास गौरहा के परिजनों के मुताबिक विकास गौरहा काफी दिनों ने परेशान रहा करता था। अकेले अकेले गुमशुम रहता था। विकास गौरहा के परिजनों के मुताबिक उनका सक्ती के बंसल ट्रेडर्स के संचालक उमेश अग्रवाल बंटी सेठ से कृषि केंद्र से संबधित समान का लेन-देन होता था। जो उनके हिसाब से उनका पूरी राशि का भुगतान कर चुका है। इसके बाद भी बंसल ट्रेडर्स के संचालक द्वारा मूल ब्याज कहकर 18 लाख रुपए बकाया होने का तगादा भेजकर फोनकर बकाया पैसे की मांग करता था। जिससे परेशान होकर विकास ने आत्महत्या की कोशिश की। जिसको आनन फानन में सूचना मिलने पर समुदायिक स्वस्थय केंद्र में भर्ती किया गया है। फिलहाल नवागढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के मेडिकल अफसर डॉ. आतिश प्रधान ने बताया कि विकास के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। उनकी निगरानी में इलाज जारी है।
सुसाइड नोट भी छोड़ा है
बताया जा रहा है कि विकास गौरहा खुदकुशी की कोशिश करने से पहले अपने पाकेट में एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है। जिसे पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है। हालांकि विकास ने सुसाइड नोट में क्या लिखा है यह भी स्पष्ट नहीं हो पाया है। क्योंकि पुलिस ने उसे जब्त कर लिया है। वर्तमान में कीटनाशक दवा व्यवसायी जिंदगी और मौत से जूझ रहा है।
पहले भी मिल चुकी है शिकायत
चार साल पहले भी सक्ती के बंसल ट्रेडर्स कीटनाशक दवा व्यवसायी के ऊपर कई तरह के आरोप लग चुका है। इसके तगादे से सारागांव थाना क्षेत्र के ग्राम चोरिया का एक कीटनाशक दवा व्यवासायी के तगादे से खुदकुशी की कोशिश कर चुका है। उसे बड़ा व्यवसायी मोटी रकम की मांग करते हुए उसे प्रताडि़त करता था। जिसके चलते उनसे खुदकुशी की कोशिश की थी।
६०० दवा व्यवसायी हैं जिले में
जिले में तकरीबन ६०० कीटनाशक दवा व्यवासायी हैं। इसके पास कीटनाशक दवा कारोबारी का लाइसेंस है। इसके अलावा सैकड़ों की तादात में और भी कई व्यवसायी हैं जिनके पास लाइसेंस नहीं है और कारोबारी कर रहे हैं। इनकी दुकानों से मिसब्रांड कीटनाशक दवा मिल रहा है। इन दवाओं का इस्तेमाल करने से दवा असर नहीं करता। जिसके चलते दवा व्यवसायी ठगे जाते हैं।
वर्जन
गुरुवार को एक कीटनाशक दवा व्यवसायी ने जहर सेवन कर खुदकुशी की कोशिश की थी। मामले की जांच जारी है। व्यवसायी ने जो सुसाइड नोट लिखा है उसमें लिखावट स्पष्ट दिखाई नहीं दे रहा है।
– राजेश पटेल, टीआई नवागढ़
वर्जन
जिले में ६०० के करीब कीटनाशक दवा व्यवसायी हैं। जिन्हें विधिवत लाइसेंस बनवाकर कारोबार कर रहे हैं। इनके दुकानों की नियमित जांच की जाती है।
-एमआर तिग्गा, डीडीए
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