प्रदीप सिंह ठाकुर ने बताया कि उन्होंने सबसे अधिक दलहन-तिलहन की खेती की है। जिससे उन्हें अधिक आमदनी होगी। उन्होंने बताया कि वे लगातार आठ घंटे फसलों की निगरानी उन्हें कीट प्रकोप से बचाना, रासायनिक खाद का छिड़काव कर उन्हें बच्चों की तरह पालते हैं। इसके बाद फसल सही सलामत हो पाती है।
आवारा मवेशी बनी दुश्मन
किसान प्रदीप सिंह ने बताया कि यदि गांव में कांजी हाउस की सुविधा होती तो निश्चित ही उसकी आमदनी बढ़ जाती। क्योंकि गांव के आवारा मवेशी के चलते फसल नुकसान होता है। उन्होंने बताया कि गांव में शासन की नरवा घुरूवा बारी योजना के तहत गोठान का निर्माण किया गया है लेकिन गोठान के मवेशियों को लोग बदमाशी करते हुए रात को छोड़ देते हैं। जिसके चलते उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है।