दो से तीन किमी दूरी तय करने मजबूर
गर्मी शुरूआत होते ही भीमा तालाब सूख चुका है। थोड़ा सा ही पानी बचा हुआ है। भीमा तालाब में जिला मुख्यालय से लगभग गरीब तबके की ७ से १० हजार लोग निस्तारी करते है। आसपास के गरीब तबके के लोग दो से तीन किमी दूरी तय कर निस्तारी के लिए जाने मजबूर है। मोहल्लेवासियों ने बताया कि दो से तीन किमी दूर कुटरा तालाब व नहर में में नहाने जाते है।
मोहल्ले में बह रहा नाली का पानी
तालाब को भरने के लिए नहर से भीमा तालाब का नाली की खुदाई की गई है। लेकिन ढलान सही नहीं होने से पानी पटेल बालोद्यान से आगे नहीं बढ़ पा रहा है। इससे पटेल बालोद्यान के पास नहर से जा रही नाली का पानी शारदा मंगलम रोड मोहल्ले में घुस रही है। जिससे पूरा मोहल्ला जलमग्न हो गया है।
नाली का पानी व भीमा तालाब का पानी एक सामान
पुरानी बस्ती निवासी जगदीश लदेर, सुखमति बाई, गोपाल पैगवार सहित अन्य मोहल्लेवासियों ने बताया कि भीमा तालाब का पानी और नाली का पानी में कोई अंतर नहीं है। संबंधित अधिकारी की उदासीन रवैया के कारण कई लोग ऐसे पानी में भी नहारे को मजबूर है। भीमा तालाब के आसपास के घरों व नाली का गंदा पानी भीमा तालाब में ही जा रहा है। जिससे कारण तालाब का पानी इतना गंदा हो गया है। जल्द ही जिम्मेदार अधिकारी को इस ओर ध्यान देना चाहिए। नहीं तो मोहल्लेवासियों को संक्रामण बीमारी फैल सकती है।