अचानक से धीरे-धीरे आग (Fire) कोसाबाड़ी में पहुंच गया। वहीं वहां निवास कर रहे कोसाबाड़ी के कर्मचारी दिलेराम यादव अपने पुत्र राकेश यादव के साथ अपने परिवार एवं साथी कर्मचारी चौकीदार को फोन लगाकर कोसाबाड़ी में आग (Fire) लगने की सूचना दी। वहीं मौके पर पहुंचकर कोसाबाड़ी के कर्मचारियों द्वारा लाठी डंडा से पीट पीटकर लगातार आग को बुझाने का प्रयास किया जा रहा था। दो घंटे के बाद काबू पाया गया। वहीं इस आगजनी (Arson) के घटना से कोसाबाड़ी के लगभग पचास से सौ पौधे आग की चपेट में आकर झुलस गए है।
आधी रात खून से लथपथ बेटी की लाश देखकर जोर-जोर से चिल्लाने लगी मां, सामने टांगी लेकर खड़ा था बेटा नरवाई में आग लगाना है प्रतिबंध
धान कटने के बाद नरवाई में अधिकांश लोग आग (Fire) लगा देते है। आग से जीव-जंतु के अलावा आसपास के मकान सहित कई बड़ा नुकसान होता है। इसको देखते हुए सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया है। बावजूद किसानों द्वारा खेत के नरवाई में आग लगाया जाता है। संबंधित पर जुर्माना के साथ सजा का भी प्रावधान है।
तांत्रिक ने महिला से कहा- घर में बुरी आत्मा, इसलिए झगड़ता है पति, फिर जो हुआ उसे जानकर हैरान हो जाएंगे आप, पढि़ए पूरी खबर… 25 एकड़ में जमीन पर लगा है कोसाबाड़ी नर्सरी
पकरिया-सिल्ली मार्ग सड़क किनारे में रेशम विभाग (Silk department) द्वारा सन 2015-16 में करीब 25 एकड़ शासकीय जमीन पर यहां के कोसाबाड़ी नर्सरी में लगभग पचास हजार अर्जुन के पौधा रोपे गए थे। वही यहां के कर्मचारियों के अथक प्रयास से आज पौधा से पेड़ के रूप में विकसित की ओर है।