ब्लॉक समन्वयक स्वास्थ्य पंचायत समन्वयक, प्रशिक्षक हेल्पडेस्क मितानिन व शहरी एमटी को मितानिनों की भांति राज्यांस का लाभ दिए जाने, राज्यांस राशि ७५ प्रतिशत से बढ़ाकर १०० प्रतिशत करने, प्रोत्साहन राशि, क्षतिपूर्ति राशि का समय पर भुगतान करने एवं १५ प्रतिशत वार्षिक वेतन वृद्धि करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर जिले के ४ हजार मितानिनों ने सोमवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दिया है।
सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार, शिकायत होने पर होती है बस इतनी सी कार्रवाई, पढि़ए खबर… मितानिनों ने अपनी भाषण में कहा कि वे स्वास्थ्य सहित विभिन्न विभागों का काम करतीं हैं। उन्हें समय पर मानदेय नहीं मिल पाता। जिसके चलते उन्हें भूखों मरने की स्थिति में दिन गुजारना पड़ रहा है। सरकार आधी रात को भी उठाकर उनसे काम लेती है। चाहे डिलिवरी का काम हो या फिर स्वास्थ्य योजनाओं का प्रचार – प्रसार का। हर पल उन्हें अपना काम छोड़कर सरकारी काम करना पड़ता है। इसके एवज में उन्हें मानदेय के रूप में पांच सौ हजार रुपए दिया जाता है। दिन रात हाड़तोड़ मेहनत करने के बाद भी उन्हें समय में मानदेय नहीं मिल पाता। जिसके चलते उन्हें हड़ताल करने विवस होना पड़ा है। उनका कहना है कि यदि सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती है तो वे आने वाले चुनाव में सरकार को उखाड़ फेकेंगे।
चिलचिलाती धूप में बच्चों को लेकर बैठे
जिले भर की चार हजार मितानिन सोमवार को चिलचिलाती धूप में उन्हें हड़ताल करना पड़ रहा है। इस दौरान कई मितानिन अपने छोटे बच्चों को लेकर हड़ताल पर बैठीं थीं। एक ओर पारा ४३ पार हो रहा है। वहीं मितानिनों को इतनी धूप का डर नहीं था।