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सड़क पर टूटकर गिरा पड़ा था 11 केवी तार , कार चालक को अचानक पड़ी नजर तो कार हुआ अनियंत्रित, फिर हुआ ऐसा… निर्माण कार्य के समय कार्य स्थल से इंजीनियर नदारद रहते है और इसका पूरा फायदा सरपंच उठा लेते हैं। घटिया सामग्री से निर्माण कार्य करा देते हैं जो कुछ माह में ही दम तोड़ देती है पर इन सब से अधिकारियों को मतलब नही है उन्हें तो केवल उनका कमिशन चाहिए चाहे काम कैसा भी हो। कमिशन मिलते ही घटिया काम भी अछा हो जाता है और एसडीओ इंजीनियर उसे बिना देखे ही मूल्यांकन सत्यापन कर देते है और सरपंच को घटिया निर्माण कार्य कराने का भी पूरा भुगतान हो जाता है। सरकार पंचायतों का कायाकल्प करने के लिए हर साल लाखों करोडों रूपये फंड जारी कर खर्च करती है पर पंचायतों के जनप्रतिनिधि और अधिकारी मिलीभगत कर का बेहतर उपयोग के बजाये भष्ट्राचार कर अपनी जेब भर लेते हैइतनी होती है कार्यवाही
अगर किसी घटना निर्माण कार्य की शिकायत होती है तो अधिकारी केवल दो-तीन माह के लिए भुगतान रोक देते हैं, इसके बाद सांठगांठ कर सरपंच को पूरा भुगतान कर दिया जाता है। इसी वजह से सरपंच घटिया निर्माण कार्य कराने से बाज नहीं आ रहे है – मुझे पता नही है कि कार्य कैसा हुआ है सरपंच ने अपने मन मुताबिक कार्य कराया है जाकर जायजा लिया जाएगा- आरडी साहू, उप अभियंता आरइएस – भवरमाल के सीसी रोड की स्थिति अभी कैसी है नहीं पता देख कर बता पाऊगा- सरपंच पिपरदा, नरोत्तम पटेल