इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि राज्य शासन ने सिंचाई विभाग को लगभग 550 करोड़ का फंड जारी किया, लेकिन इसके बाद भी जिले के अंतिम छोर में बसे सिंगोल, दुरपा व करमंदी जैसे कई गांव के किसान पानी को ताक रहा है।
Breaking : तेज रफ्तार ट्रैक्टर ने बाइक सवार को मारी ठोकर, मौत इस जिले में 267 हेक्टेयर जमीन का रकबा सिंचित है। प्रदेश में सबसे अधिक उपज करने वाले किसान हैं इसके बाद भी शासन इनकी ओर
ध्यान नहीं दे रही है। दिनेश शर्मा ने सुनिश्चित फसल बीमा योजना को नकारते हुए कहा कि जब जिले में सुनिश्चित सिंचाई की सुविधा है तो फिर यहां सुनिश्चित फसल बीमा योजना क्यों। साल 2016-17 में फसल बीमा के नाम पर किसानों से 587 करोड़ रुपए वसूल किया गया और मात्र 27 लाख रुपए की क्षतिपूर्ति राशि दी गई। उन्होंने कहा कि हॉकी राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी रहे और उसी की बदौलत मेरे अंदर अनुशासन की भावन जगी। इस दौरान पंचायतों में भी प्रतिनित्व किया।
जिलाध्यक्ष बनने के बाद उनका एक मात्र उद्देश्य है आम जनता की समस्या को शासन से प्रशासन तक पहुंचा कर उनका निराकरण करना। उन्होंने कहा कि उनकी सोच सकारात्मक राजनीति को लेकर है। यदि प्रशासन अच्छा
काम करता है तो वह उसके लिए उसकी तारीफ भी करते हैं।
अभी राज्य में कांग्रेस के सात-आठ चेहरे हैं, जो कि सीएम बनने के लिए बेदाग और साफ छवि के हैं। उन्होंने कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य हैं उन लोगों को दोबारा पार्टी से जोडऩा जो कि कांग्रेस के लिए पहले काफी सक्रिय थे, लेकिन आज पार्टी से दूर होते जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पार्टी चाहे किसी को किसी पद के लिए टिकट दे, लेकिन न सिर्फ उनका बल्कि हर कार्यकर्ता का एक उद्देश्य होना चाहिए कि वह पूरे तन, मन, धन से उसकी जीत को सुनिश्चित करने के लिए काम करे। क्योंकि जब प्रत्याशी जीतेगा तभी पार्टी जीतेगी। उन्होंने इसके लिए सभी लोगों से उन्होंने संकल्प कराने की शुरूआत भी कर दी है।