अपनी जमीन पर अवैध निर्माण को अब करा सकेंगे वैध, देनी होगी पेनाल्टी
निजी जमीन पर बिना अनुमति घर और कालोनियां बसाई गई है उसे वैध कराने के लिए जिले में जल्द ही आवेदन की प्रक्रिया शुरु होने वाली है। सरकार ने अनाधिकृत विकास का नियमितिकरण अधिनियम २०२२ को लागू कर दिया है। इसकी प्रारंभिक सूचना १४ जुलाई को राजपत्र में प्रकाशित भी कराई जा चुकी है। संभवत: अगले हफ्ते से आवेदन लेना भी शुरु हो जाएगा।
अपनी जमीन पर अवैध निर्माण को अब करा सकेंगे वैध, देनी होगी पेनाल्टी
जांजगीर-चांपा. भू स्वामियों को सभी दस्तावेजों के साथ आवदेन करना होगा। गौरतलब है कि नियमितिकरण के लिए आवेदन की प्रक्रिया को पूर्व की तरह यथावत रखा गया है। यानी नगरीय निकाय क्षेत्र में नगरपालिका और नगर पंचायत में आवेदन जमा होंगे तो नगरीय निकाय के बाहर यदि किसी किसी इलामें में यदि घर का नियमितिकरण कराया जाना है तो उसके लिए टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के माध्यम से आवेदन प्रस्तुत किया जाएगा।
अनुमति लेना पचीदा इसलिए अवैध निर्माण
दरअसल डायवर्सन से लेकर मकान निर्माण की अनुमति तक बहुत पेंच होते हैं। डायवर्सन के लिए आधा दर्जन विभागों से एनओसी लेनी होती है। नक्शा तैयार कर निकाय व टाउन एंड कंट्री प्लानिंग में आवेदन देना होता है। पूरी प्रक्रिया में काफी समय लग जाता है। इससे बचने के लिए लोग बिना अनुमति ही निर्माण करा लेते हैं। इतना ही नहीं बड़े-बड़े कालोनियां भी तान दी जाती है। शहर में ही ऐसे कई कालोनियां आबाद है जो अवैध है। लोग बिना जाने जमीन मकान खरीद लेते हैं और बाद में जानकारी होने पर पछताते हैं।
२०१६ के बाद अब फिर नियमितिकरण
अवैध निर्माण को वैध करने के लिए २०१६ में इसे लागू किया गया था। अब २०२२ में संशोधित अधिनियम लागू किया गया है। व्यवसायिक निर्माण के नियमितिकरण के लिए भवन अनुज्ञा शुल्क के हिसाब से ८ स्लैब बनाए गए हैं। गैर लाभ अर्जित करने वाली चैरिटी संस्था, धर्मशाला को नियमितिकरण शुल्क में रियायत भी मिलेगी। जमीन से जुड़े कागजात, पट्टे की नकल के साथ इलाके एरिया बताने के साथ एक फार्म में सारी जानकारी के साथ आवेदन करना होगा।
शहर में ढेरों अवैध निर्माण
जिला मुख्यालय जांजगीर में बता करें तो शहर में दर्जनों ऐसी बसाहटें हैं जिसे नगरपालिका, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से अनुमति नहीं है। यहां अब भी निमाण चल ही रहा है। स्थायी कनेक्शन नहीं मिल रहा है तो खंभे लगाकर काम चला रहे हैं। सड़क, पानी, बिजली की भी समुचित व्यवस्था नहीं है। इसमें नपा की भी लापरवाही है कि आंख मूंदकर भवन अनुज्ञा जारी कर दिया गया है और लोगों ने घर और मकान तान दिए गए हैं। ऐसे लोगों को अवैध निर्माण को वैध बनाने के लिए ही सरकार ने एक बार फिर से मौका दिया है। नियमितिकरण के लिए कलेक्टर, एसपी, निकाय सीएमओ के अतिरिक्त टाउंड एंड कंट्री प्लानिंग के अधिकारी सदस्य सचिव होंगे जो मिले आवेदनों पर विचार कर निर्णय लेंगी।
वर्जन
आवेदन लेने की शुरुआत जल्द ही होने वाली है। हालांकि फाइनल डेट अभी नहीं आई है। आवेदन लेने की प्रक्रिया को लेकर नगरीय निकायों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। डेट फाइनल होते ही भवन मालिक आवेदन कर सकते हैं। नियमानुसार नियमितिकरण किया जाएगा। इसके बाद बचे अवैध निर्माणों पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
तमेश्वर देवांगन, सहायक संचालक नगर तथा ग्राम निवेश जांजगीर-चांपा
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